नागपुर : डॉक्टरों पर पिछले कुछ दिनों में हुए हमलों के खिलाफ और अन्य मांगों को लेकर समूचे महाराष्ट्र में हड़ताल पर गए डॉक्टर्स के खिलाफ अब महाराष्ट्र सरकार ने भी कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है.
बीते कई दिनों से राज्य के हजारों डॉक्टर अपनी मांग को मनवाने के लिए सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके कारण अस्पताल में आ रहे मरीजों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है और जनता परेशान होकर इधर से उधर इलाज की तलाश में भटक रही है.
मंगलवार को ही बॉम्बे हाई कोर्ट ने डॉक्टरों द्वारा की जा रही हड़ताल को अवैध बताते हुए इसका विरोध किया था और डॉक्टरों से अपने काम पर लौटने का आग्रह भी किया था. लेकिन, अब तक महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में अपनी सेवा दे रहे डॉक्टरों ने हड़ताल जारी रखी है.
काम पर नहीं लौटे डॉक्टर
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह तक कह दिया की डॉक्टरों द्वार की जा रही हड़ताल की कोई जायज वजह हमें दिखाई नहीं देती और अगर डॉक्टरों को उन पर हो रहे हमलो से डर लगता है तो वे नौकरी छोड़ दें. हाईकोर्ट द्वारा दिए गए इस सख्त आदेश के बावजूद अब तक डॉक्टर अपने काम पर नहीं लौटे हैं.
मुंबई हाईकोर्ट के आदेश को ध्यान में रखकर महाराष्ट्र सरकार ने सभी हड़ताली डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए नागपुर के मेडिकल अस्पताल में अब तक 370 डॉक्टरों को तत्काल सेवा से निलंबित कर दिया है, जिसका आदेश सभी को व्यक्तिगत रूप से दे दिया गया है. आदेश प्राप्त होते ही डॉक्टरों में हड़कंप मच गया है. साथ ही सरकार ने डॉक्टरों का छह महीने का वेतन काटने का भी फैसला किया है.