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पंजाब में खत्म हुआ ‘लाल बत्ती’ कल्चर, नशे के कारोबार पर भी लगाम

पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार बनने के बाद शनिवार को पहली बार कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें फैसला लिया गया कि मुख्यमंत्री, विधायक या शीर्ष अधिकारी अपने वाहन में लाल बंती का इस्तेमाल नहीं करेंगे.

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  • March 18, 2017 6:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
लुधियाना: पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार बनने के बाद शनिवार को पहली बार कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें फैसला लिया गया कि मुख्यमंत्री, विधायक या शीर्ष अधिकारी अपने वाहन में लाल बंती का इस्तेमाल नहीं करेंगे.  
 
पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि मंत्री, विधायक और मुख्यमंत्री न तो कोई शिलान्यास करेंगे और न उद्धघाटन ही करेंगे. बादल ने कहा, ‘100 करोड़ रुपये या 200 करोड़ रुपये की बड़ी परियोजनाओं में भी मुख्यमंत्री और मंत्रियों के नाम शिलान्यास पट्टिका या उद्घाटन पट्टिका पर नहीं  लिखे जाएंगे. शिलापट्टिका पर सिर्फ एक पंक्ति में लिखा रहेगा कि यह परियोजना करदाताओं के पैसे से बनाई गई है. 
 
 
इसके अलावा नई सरकार ने शनिवार को अपनी मंत्रिमंडल बैठक में कई अहम निर्णय लेकर राज्य के विकास एजेंडे पर काम शुरू कर दिया. सूत्रों के मुताबिक नई सरकार की पहली मंत्रिमंडल बैठक ने प्रदेश कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र को अगले पांच सालों के लिए अपने कार्यक्रम के रूप में स्वीकार किया तथा पहले चरण में एक तिहाई चुनावी वादों को पूरा करने के लक्ष्य को लेकर 100 से अधिक निर्णय लिए.
 
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को आगे ले जाने से जुड़े कुछ खर्चों को पूरा करने के लिए मंत्रिमंडल ने चुनाव से पहले विभिन्न सरकारी विभागों के लिए पिछले शिअद-भाजपा शासन के दौरान आवंटित राशि में खर्च नहीं हुए हजारों करोड़ रुपये को वापस लेने का निर्णय लिया.
 
गौरतलब है कि अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने पंजाब में 16 मार्च को सत्ता संभाली. इस बार के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 117 सदस्यीय विधानसभा में 77 सीटों पर जीत हासिल की है.
 

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