नई दिल्ली : यूपी प्रशासन के बोर्ड परीक्षा को लेकर किये गए दावोंं की पोल खुल गई है. बोर्ड के पहले ही पेपर में प्रशासन को चुनौती देते हुए नकल माफिया हावी हो गए हैं.
यूपी बोर्ड का महाकुम्भ आज से शुरू हो चुका है और मथुरा जिले में 194 परीक्षा केंद्र बनाये गए हैं, जिसमें हाइस्कूल और इंटर के 88476 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे. प्रशासन ने 8 जोनल मजिस्ट्रेट 27 सेक्टर मजिस्ट्रेट 100 स्टेटिक मजिस्ट्रेट बनाये हैं मगर इसके बाद भी प्रशासन नकल माफियाओं को रोकने में नाकामयाब रहा है.
10 हजार तक होता है सौदा
नकल का खेल आज पहले ही दिन देखने को मिला. मथुरा के कुछ कॉलेज ऐसे भी हैं जहां परीक्षा के लिए सौदे किये जाते हैं. हरियाणा और राजस्थान के बच्चे यूपी में आसानी से नकल होने के चलते यहां से ज्यादा संख्या में फॉर्म भरते हैं.
नकल माफिया हाइस्कूल के 5000 और इंटर का 10000 रुपए में सौदा करते हैं. ऐसा नजारा पहले दिन ही देखने को मिला. श्रीकृष्ण चैतन्य इंटर कॉलेज नंदगांव परीक्षा केंद्र पर आज 10वीं का हिंदी का पेपर था. पेपर शुरू होते ही बाहर खड़े लोगों का काम शुरू हो गया. पेपर बाहर आने के बाद उसको हल करके अंदर भिजवा दिया गया और अंदर बैठे बच्चे आराम से पेपर देने लगे.
कॉलेज स्टाफ की मिलीभगत
पेपर होने के बाद फेंकी गई रद्दी को कॉलेज स्टाफ इकठ्ठा करके जलाते नजर आया. ऐसा होना नया नहीं है. मथुरा बहुत पहले से नकल माफियाओं के चंगुल में रहा है. हिंदी के पेपर में ये स्थिति है तो आने बाले और मुश्किल पेपर में क्या होगा ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है.
वहीं, जब एसडीएम मांट सदानन्द गुप्ता से बात की गई तो उनका इस मामले पर कहना था कि परीक्षा केंद्रों का निरिक्षण किया गया है. लेकिन, स्कूल के प्रबन्धक और प्रधानाचार्य की मिली भगत से स्कूल के अंदर नकल हो रही है. आज पहली पाली में मेरे द्वारा 9 लोगों को रस्टिकेट किया गया है.