नई दिल्ली : उत्तराखंड में चार में से तीन एग्जिट पोल रिजल्ट बीजेपी की सरकार बनने के संकेत दे रहे हैं. ऐसे में बीजेपी में अब चर्चा शुरु हो गई है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. वहीं, बीजेपी के लिए मुसीबत यह है कि पार्टी में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार हैं.
इंडिया न्यूज/इनखबर-MRC ने 70 सदस्यों वाली उत्तराखंड विधानसभा में बीजेपी को 38 सीटें दी हैं. इंडिया टीवी-C वोटर का अनुमान है कि बीजेपी को 29 से 35 सीटें मिलने का अनुमान है. इंडिया टुडे-एक्सिस ने 46-53 सीटें मिलने का अंदाजा लगाया है. न्यूज 24-चाणक्या का भी अनुमान है कि बीजेपी को 53 सीटें मिल सकती हैं. इनका औसत निकालें तो बीजेपी को 43 सीटें मिलती दिख रही हैं.
बागी नेताओं का खतरा
उत्तराखंड में गढ़वाल और कुमाऊं के दो इलाके ऐसे हैं जो सरकार बनाने में अहम रोल निभाते हैं. साल 2012 के चुनाव में कांग्रेस ने कुमाऊं में 13 और गढ़वाल में 19 सीटें जीती थीं. बीजेपी ने कुमाऊं में 15 और गढ़वाल में 16 सीटें जीती थीं. इस बार गढ़वाल के कांग्रेस नेताओं ने ही बगावत की और पाला बदल कर बीजेपी में आ गए. माना जा रहा है कि इन बागी नेताओं ने ही कांग्रेस का खेल बिगाड़ा है.
उत्तराखंड के एग्जिट पोल देखने के बाद बीजेपी जितनी खुश है, उतनी ही परेशान भी. खुशी इस बात की है कि ज्यादातर एग्जिट पोल उसे सत्ता के करीब पहुंचा रहे हैं और परेशानी इस बात की है कि अगर बहुमत नहीं मिला तो मुख्यमंत्री पद का फैसला कैसे होगा?
सीएम पद के कई दावेदार
उत्तराखंड में बीजेपी के पुराने नेताओं को खतरा उन नेताओं से है, जो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए हैं. इनमें से हर नेता खुद को सीएम पद का दावेदार मानता है, चाहे वो विजय बहुगुणा हों, हरक सिंह रावत या यशपाल आर्य.
इनके अलावा भुवनचंद्र खंडूरी, भगत सिंह कोश्यारी, रमेश पोखरियाल निशंक और बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट इस बार सीएम पद के लिए प्रबल दावेदार हैं. इसमें खंडूरी, कोश्यारी और निशंक एक-एक बार सीएम बन चुके हैं और पार्टी इनकी आपसी लड़ाई में चुनाव हार चुकी है.