लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एनकाउंटर के दौरान मारा गया संदिग्ध आतंकी सैफुल्ला के मामले में राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष आमिर मदनी के खिलाफ केस दर्ज किया जा सकता है. ADG (लॉ ऐंड ऑर्डर) ने कानपुर के SSP को आमिर आर मदनी के खिलाफ केस दर्ज करने का निर्देश दिया है. उनका आरोप है कि लखनऊ में मारा गया आतंकी सैफुल्ला मदनी से प्रेरित था.
ISIS आतंकी नहीं था सैफुल्ला
लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके की हाजी कॉलोनी के एक घर में छिपा संदिग्ध आतंकी सैफुल्ला 12 घंटे की मुठभेड़ के बाद मारा गया है. पहले मिली जानकारी के अनुसार सैफुल्ला आईएसआईएस का आतंकी था. हालांकि बाद में एडीजी दलजीत चौधरी ने इसे खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था कि वह किसी संगठन से जुड़ा हुआ नहीं था, वह इंटरनेट और किताबों के जरिए आईएस से प्रेरित था.
ग्रुप का नाम था ‘खुरासान’
उन्होंने ये भी बताया कि ये आइएस से प्रभावित थे और खुद का एक ग्रुप बनाकर काम करना चाहते थे. दलजीत चौधरी के मुताबिक उन्होंने अपने ग्रुप का नाम ‘खुरासान’ रखा था और इसी नाम के साथ वो अपनी पहचान बनाना चाहते थे. पुलिस आमिर रशादी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है.
सैफुल्लाह के पिता ने उसका शव लेने से मना कर दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक उसके पिता का कहना है कि सैफुल्लाह ने जो किया वो अफसोसजनक है. उन्होंने कहा कि जो देश के खिलाफ है हम उसके खिलाफ हैं. सैफुल्लाह के मारे जाने पर उसके पिता का कहना है कि वो उसका शव नहीं लेंगे. सूत्रों के मुताबिक सैफुल्लाह के घर से से बम बनाने के तरीके, रेल नेटवर्क का मैप और कई दूसरी आपत्ति जनत सामान भी बरामद हुआ है.