नई दिल्ली : दिल्ली में राजनीतिक दल भले ही लाख वादें करें लेकिन यहां स्वास्थ्य सुविधाओं की हकीकत बार-बार सामने आते रहती है. इस बार मामला है दिल्ली के प्रतिष्ठित अस्पताल राम मनोहर लोहिया (आरएमएल)का, जहां किसी फिल्मी दृश्य की तरह डॉक्टरों ने आपातकालीन स्थित में टॉर्च की लाइट में मरीज का आॅपरेशन कर डाला.
यह घटना तब हुई जब सोमवार को आरएमएल के आपातकालीन आॅपरेशन थियेटर में डॉक्टर्स एक मरीज के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल का आॅपरेशन कर रहे थे. आॅपरेशन के दौरान ही बिजली चली गई और पूरे कमरे में अंधेरा हो गया. तब डॉक्टरों ने टॉर्च लाइट जलाकर मरीज का आॅपरेशन किया.
आॅपरेशन टेबल की टांग टूटी
सूत्रों के मुताबिक आएमएल के इमजरेंसी वॉर्ड की हालत बहुत बुरी है. यहां तक कि जिस टेबल पर आॅपरेशन किया जाता है, उसका भी एक पैर टूटा है. टॉर्च लाइट में आॅपरेशन को लेकर एक डॉक्टर ने कहा कि उस मरीज को जठरांत्रिय छिद्र रोग था और आॅपरेशन को बीच में ही रोकना खतरनाक हो सकता था.
एक अन्य डॉक्टर का कहना है कि अब उन्हें उसी टूटी हुई टेबल पर आॅपरेशन करने के लिए मजबूर होना होगा. आरएमएल में अधिकारियों ने इस संवदेनशील मसले से आंखें मूंद रखी हैं और ऐसे खराब चिकित्सकीय उपकरणों से मरीजों की जिंदगी से खेल रहे हैं.
पांच विभागों के लिए एक ओटी
वहीं, अस्पताल प्रशासन ने आॅपरेशन थियेटर की इस स्थिति की जानकारी पहले से होने से इनकार कर दिया है. ओटी प्रभारी का कहना है कि आज ही ऐसी शिकायत मिली है. अस्पताल की हालत इतनी खराब है कि यहां पांच तरह के विभागों के लिए एक ही आॅपरेशन थियेटर है. इसके कारण डॉक्टरों के बीच अपने मरीज का पहले आॅपरेशन करने को लेकर झगड़ा भी होता है.
एक कंसल्टिंग फर्म की रिपोर्ट के अनुसार भारत में स्वास्थ्य प्रणाली को आने वाले 20 वर्षों में 36 लाख बिस्तरों, 30 लाख डॉक्टरों और 60 लाख नर्सों की जरूरत पड़ेगी.