मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में एक परिवार को शव ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली. परिजनों को कंधे पर ही शव लेकर जाना पड़ा. मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में संवेदना शर्म से सर झुकाकर अपनी किस्मत पर रो रही थी.
सदर अस्पताल में इलाज कराने आये एक शख्स की पत्नी की मौत हो गई. जब शव को ले जाने की बारी आई तो एम्बुलेंस नहीं मिल सकी. फिर क्या था पति ने मन ही मन बिहार सरकार के सिस्टम की लापरवाही का दंश झेलते हुए पत्नी की लाश को कंधे पर रखकर निकला.
एंबुलेंस के नहीं थे पैसे
दरअसल, पिछले पचीस दिन से श्यामा देवी सदर अस्पताल मे भर्ती थीं. ईलाज के दौरान मरीज की मौत अस्पताल में हो गई. मरीज के मौत के बाद परिजनों पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा. जेब मे एंबुलेंस के लिए पैसे नहीं और अस्पताल एंबुलेंस देने को तैयार नहीं. सारे पैसे पत्नी के लिए दवा लाने में खर्च हो गए.
परिजनों ने अस्पताल में आॅन ड्यूटी नर्स से एम्बुलेंस की मांग की तो नर्स ने परिजनों को 1099 पर फोन करने को कहा और गेट बंद कर लिया.
नहीं उठा 1099 का फोन
जग 1099 पर फोन किया तो वहां भी पहले फोन नहीं लगा. काफी मशक्कत के बाद जब 1099 पर फोन लगा तो किसी ने फोन नहीं उठाया. काफी मिन्नत करने पर आउट सोर्स स्टाफ राजेश कुमार वहां पहुंचे और एंबुलेंस दिलाने का भरोसा दिलाया.
लगभग दो घंटे के लंबे अंतराल और प्रयास के बाद परिजनों के सब्र का बांध टूट गया और परिजन कंधे पर शव को उठाकर चल दिए. ये घटनाएं राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती हैं. मामला बढ़ जाने पर सिविल सर्जन ने इसमें कार्रवाई की बात कही है.