लखनऊ: उत्तर प्रर्देश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को हुई आतंकियों से मुठभेड़ के बाद खबर आई थी कि ये पूरा सिंडिकेट आतंकी संगठन आइएसआइएस से जु़ड़ा हुआ है. लेकिन यूपी पुलिस ने आज बयान जारी कर कहा है कि मारा गया आतंकी सैफुल्ला या फिर पकड़े गए संदिग्ध आतंकियों के तार सीधे तौर पर आइएस से जुड़े होने के सबूत नहीं मिले हैं.
प्रदेश केै एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत चौधरी ने अपने बयान में कहा कि इन लोगों को किसी आतंकी संगठन का समर्थन नहीं मिला. उन्होंने बताया कि ये खुद ही इंटरनेट या सोशल वेबसाइट के जरिए आइएस से प्रभावित हुए. उन्होंने ये भी बताया कि ये आइएस से प्रभावित थे और खुद का एक ग्रुप बनाकर काम करना चाहते थे. दलजीत चौधरी के मुताबिक उन्होंने अपने ग्रुप का नाम ‘खुरासान’ रखा था और इसी नाम के साथ वो अपनी पहचान बनाना चाहते थे.
एनकाउंटर को लेकर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एडीजी दलजीत चौधरी ने बताया कि 4 संदिग्ध लोग लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके के एक मकान में रह रहे थे. उन्होंने ये भी बताया कि ये लोग आपस में मिलकर धमाके की प्लानिंग करते थे और धमाके से पहले इलाके की रेकी भी करते थे.