मुंबई : महाराष्ट्र विधान भवन के बाहर मराठवाड़ा किसान आज अपना दर्द लेकर पहुंचे थे. वो अपनी फसल महाराष्ट्र के मंत्रियो को देने आये थे. स्वाभिमानी शेतकरी संघटन के मुखिया राजू शेट्टी की अगुवाई में 100 की संख्या में किसानों ने महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर सैकड़ों किलो प्याज और तूर दाल फेंक कर प्रदर्शन किया.
पहले मराठवाड़ा सूखे से परेशान था अब ज्यादा बारिश परेशानी का सबब बन गयी गई. अच्छी बरसात की वजह से इस साल फसल तीन गुनी ज्यादा हुई है लेकिन इसे खरीदने वाला कोई नहीं है. खासकर के तूर दाल और प्याज का उत्पादन करने वाले किसानों की हालत खराब है.
मंडियो में नहीं बिक रही दाल
तूर दाल का न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार ने 5050 रुपए प्रति क्विंटल तय कर रखा है लेकिन किसान जब ये दाल सरकार को सरकारी मंडियो में देने जा रहा हैं, तो उन्हें लग-अलग वजह बताकर दाल लेने से मना कर दिया जा रहा है.
कभी गोडाउन में जगह ना होने तो कभी बोरियां ना होने की वजह से उसे मना कर दिया जा रहा है. किसी किसान का नंबर लग भी रहा है तो उसे 20-25 दिन बाद का नंबर दाल बेचने के लिए मिल रहा है. इन सब के बीच में किसान जब निजी व्यपारियों के पास जा रहा है तो उसे दाल की कीमत 2000-3000 रुपये प्रति क्विंटल मिल रही है.
प्याज का भी बुरा हाल
वही हाल प्याज का भी है. किसानों के मुताबिक एक किलो प्याज की लागत पांच रुपए आती है और इन दिनों उन्हें इसी मूल्य में बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है. पिछले साल इस वक्त प्याज 700-800-900 प्रति क्विंटल बिक रही थी लेकिन अभी 300-400 प्रति क्विंटल बेचने को मजबूर हैं.
किसानों के मुताबिक सरकार किसानों की तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है. यही वजह हैं कि फसल अच्छी होने के बावजूद मराठवाड़ा में किसान आत्महत्या कर रहा है.