ग्वालियर: मध्य प्रदेश के चंबल इलाके से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. यहां पर पिछले 20 दिनों में 100 लोग ने खुदकुशी कर ली है.
सिर्फ ग्वालियर में ही 20 दिनों में 23 लोगों ने आत्महत्या की है. मरने वालों में सबसे अधिक छात्र-छात्राएं हैं.
इन आत्महत्याओं को रोकने के लिए गठित की गई ग्वालियर पुलिस की ‘संजीवनी सेल’ भी विफल रही है.
जबकि इस सेल का निर्मण इसलिए किया गया था की क्षेत्र में बढ़ती जा रही आत्महत्याओं के मामलों में कमी आ सके.
पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक ग्वालियर में आत्महत्या की दर प्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में ग्वालियर में सर्वाधिक 11.4 फीसदी है.
ये हैं मामले
1 फरवरी 2017 को नीरू कुशवाह नामक एक लड़की ने प्रेमी से विवाह न होने पर मौत को गले लगा लिया था.
6 फरवरी 2017 को चंद्र शेखर राजपूत नामक एक शख्स ने जहर खा लिया जिस कारण उनकी मौत हो गई थी.
9 फरवरी 2017 को आकाश शर्मा ने परीक्षा में विफल होने से हताश होकर आत्महत्या कर ली.
10 फरवरी 2017 श्यामवीर शंखवार ने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
15 फरवरी 2017 इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली एक छात्रा कव्या मिश्रा ने भी मौत को गले लगा लिया था.
18 फरवरी 2017 को बलवंत ने जहर खाकर सुसाइड किया था.
22 फरवरी 2017 को 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र तुषार ने आत्महत्या कर ली थी.
उपर दिए गए आंकड़े ग्वालियर पुलिस की संजीवनी सेल पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं. आत्महत्याओं को रोकने के लिए एक बार फिर इसके विस्तार की योजना बनाई जा रही है.