जयपुर: जाने माने कवि कन्हैया लाल सेठिया ने अपनी कविता ‘पितल और पत्थर’ में महाराणा प्रताप के बेटे अमर सिंह के जिंदगी का संघर्षों का जिक्र करते हुए लिखते हैं कि अमर ने जंगल में अपने को जिंदा रखने के लिए घास की रोटी खाते थे. लेकिन कहते हैं न समय खराब हो तो कुछ भी सही नहीं रहता ऐसा ही कुछ होता था राजा अमर के साथ. उनके खराब दिनों में उन्हें घास की रोटी भी नसीब नहीं होती थी क्योंकि उनकी रोटियां पर जंगल की बिल्लियां झपटा मारती थी.
वैसा ही कुछ हुआ है राजस्थान के इस स्कूल में. आज हम आपको सरकारी स्कूल की कुछ ऐसी तस्वीर दिखाएंगे जिसे देखकर आप हैरान हो जाएंगे. ये तस्वीर आपको सोचने पर मजबूर कर देगी कि सरकारी स्कूल में बचपन किन हालातों में फल-फूल रहा है. देश भर के तमाम सरकारी स्कूलों की हालत पहले ही काफी खस्ता है.
ऊपर से मिड-डे मिल योजना का आलम किसी से छुपा नहीं है. सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिये परोसे जाने वाले खाने से कभी चूहा निकलने की खबर आती है तो कभी छिपकली या फिर कभी कॉकरोच के निकलने की खबरें सामने आती है.
सुस्त प्रशासन एक्टिव होता तो है लेकिन खबर पुरानी हो जाने के बाद फिर सो जाता है. ऐसे ही सोते हुए प्रशासन को जगाने के लिये राजस्थान के एक सरकारी स्कूल की तस्वीर सामने आई है. ये तस्वीर आपको सोचने पर मजबूर कर देगी कि सरकारी स्कूल में बचपन किन हालातों में फल-फूल रहा है.
तस्वीरों में आप साफ देख सकते हैं कि सरकारी स्कूल में बच्चे खाना खा रहे हैं और उनके साथ उन्हीं बच्चों की थाली में एक कुत्ता खाना खा रहा है. ऐसी एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन-तीन तस्वीरें सामने आई है. दरअसल, अवारा कुत्ते स्कूल में खुलेआम घूमते रहते हैं और बच्चों को परोसे गया खाना छीन लेते हैं. तस्वीरें बता रही हैं कि स्कूल प्रशासन को इससे कोई लेना-देना नहीं है.
गौरतलब है कि इससे पहले मिड डे मील से जुड़ी खबर दिल्ली के एक सरकारी स्कूल से आई थी. जहां मिड-डे मील योजना के तहत मिलने वाला खाना खाने से 9 बच्चों की तबियत बिगड़ गई थी. मामले की जांच की गई तो कथित तौर पर खाने में मरा हुआ चुहा पाया गया था.
(इस खबर की तस्वीर hindustantimes.com से ली गई है)