नई दिल्ली : दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में आज केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में शासन का कोई संकट नहीं है. सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने आज केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दलीलें दीं. उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल को भेजी गईं तीन हजार फाइलों में से सिर्फ 77 फाइलों को ही रोका गया था. इन फाइलों रोकने का उद्देश्य आगे इन संबंधित सूचना और स्पष्टीकरण लेना था.
बता दें कि दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. दिल्ली सरकार ने याचिका में उपराज्यपाल को राष्ट्रीय राजधानी का प्रशासनिक प्रमुख घोषित करने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है.
दिल्ली सरकार का काम ठप्पे होने का दावा
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ये दलील दी थी कि राजधानी में काम करीब-करीब बंद हो गया है. कोई अधिकारी सरकार की बात सुनने को तैयार नहीं है. यहां तक कि सरकार चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की नियुक्ति या ट्रांसफर नहीं कर पा रही है. सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए सरकार को कुछ राहत दे.
इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उस आदेश को गलत बताया था जिसमें कोर्ट ने कहा था कि उपराज्यपाल काउंसिल ऑफ मिनिस्टर की सलाह मानने के लिए बाध्य नहीं है. कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास कुछ शक्तियां होनी चाहिए नहीं तो सरकार काम नहीं कर पाएगी. इस मसले पर अलगी सुनवाई बुधवार को होगी.