चंडीगढ़: पंजाब के बाटला गांव में अनोखे तरीके से शादी होती है. इस शादी में न कोई बैंड-बाजा होता है न ही कोई बारात. होली के अवसर पर यहां मनाया जाने वाले फाग उत्सव में ही लड़कियां जिसे अपना वर चुनती हैं वही उसका हमसफर बनता है.
बाटला गांव में सदियों से मनाए जा रहे इस उत्सव का आयोजन हर साल होली के एक दिन पहले होता है. इस उत्सव को फाग उत्सव कहते हैं. भगवान श्री कृष्ण के मंदिर में होने वाले में हर सालन कई लोग शादी के बंधन में बंध जाते हैं. इस उत्सव में हर लड़की अपना वर चुनती है और उसने जिसे वर मान लिया वो सबको मानना होगा. कोई उसकी अवहेलना नहीं कर सकता. लोग इसे भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद मानते हैं.
12 मार्च को होगा फाग उत्सव-
बटाला के भगवान श्रीकृष्ण के एक मंदिर में 12 मार्च को फाग उत्सव मनाया जाएगा. इस उत्सव में बाह्य सिराज के लोग हिस्सा लेते हैं. कुल्लू व शिमला जिले के कई इलाकों से भी यहां लोग आशीर्वाद लेने आते हैं. उत्सव के मौके पर आठवें पहर में मंदिर में विशेष पूजा शुरू होती है.
भगवान श्रीकृष्ण को मंदिर से बाहर प्रांगण तक लाने के लिए पारंपरिक भजन भी गाया जाता है. इन भजनों को जति, नटाऊक भी कहते हैं. ऐसी मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त में भगवान श्रीकृष्ण लोगों को दर्शन देने के लिए देवालय से बाहर आते हैं और मंदिर परिसर में ढाई चक्कर काटकर फिर वापस देवालय में लौटते हैं. उत्सव के इस खास मौके पर कई युवक व युवतियां परिणय सूत्र में बंधने का फैसला लेते हैं.