भोपाल : नोटबंदी के दौरान न सिर्फ लोगों को बैंकों की लाइन में लगना पड़ा और नगदी की दिक्कत हुई बल्कि उन दिनों पति-पत्नी के बीच तकरार भी बढ़ गई. इसके चलते मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई.
पति-पत्नी के झगड़ों को सुलझाने के लिए बने परामर्श केंद्रों में घरेलू हिंसा के दर्ज होने वाले मामलों में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे ही एक केंद्र ने आंकड़े जारी करते हुए बताया है कि नोटबंदी के बाद मध्यप्रदेश में घरेलू हिंसा के आकड़ें काफी बढ़े हैं.
पैसे छुपाने के कारण मारपीट
8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद से ऐसे कई मामले इस परामर्श केंद्र में आए. इन मामलों में महिलाओं ने अपनी बचत के 500 और 1000 रुपये के अमान्य नोट पतियों को बैंकों से बदलने के दिए लेकिन बाद में पतियों ने उन्हें वापस नहीं किया. इस कारण मियां-बीवी के बीच झगड़ा हुआ.
कुछ मामले ऐसे भी सामने आए जिनमें दिसंबर के बाद भी पत्नियों ने 500 और 1000 रुपये के छुपाए हुए नोट निकाले. इसे लेकर भी दोनों के बीच झगड़ा ओर मारपीट हुई. इसके चलते घरेलू हिंसा के मामले दर्ज किए गए. महिलाओं ने भी शिकायत की कि नोटबंदी के बाद उनके पति ने उन्हें पैसे छुपाकर रखने के लिए मारापीटा और यहां तक की घर से भी निकाल दिया.
परामर्श केंद्र के अनुसार नोटबंदी के बाद एक महीने में घरेलू हिंसा के 200 मामले तक दर्ज किये गए जबकि पहले प्रति माह 50 मामले तक आया करते थे. इस दौरान घर में पैसों की किल्लत के चलते भी मियां-बीवी में झगड़े हुए. हालांकि, नगदी का प्रवाह ठीक होने के बाद से स्थिति में सुधार हुआ है और घरेलू हिंसा के मामले कम हुए हैं.