नई दिल्ली. दिल्ली मेट्रो में यात्रा करते समय छात्रा जैसी दिख रही किशोरी अथवा किसी बच्चे के साथ यात्रा कर रही महिला से सावधान रहें, क्योंकि वह जेबकतरा भी हो सकती है. यह बात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) द्वारा जुटाए गए आंकड़ों से सामने आई है. मेट्रो की सुरक्षा करने वाली सीआईएसएफ के आंकड़ों के मुताबिक मेट्रो में जेब काटने के आरोप में पकड़े गए लोगों में 95 फीसदी महिलाएं हैं.
नई दिल्ली. दिल्ली मेट्रो में यात्रा करते समय छात्रा जैसी दिख रही किशोरी अथवा किसी बच्चे के साथ यात्रा कर रही महिला से सावधान रहें, क्योंकि वह जेबकतरा भी हो सकती है. यह बात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) द्वारा जुटाए गए आंकड़ों से सामने आई है. मेट्रो की सुरक्षा करने वाली सीआईएसएफ के आंकड़ों के मुताबिक मेट्रो में जेब काटने के आरोप में पकड़े गए लोगों में 95 फीसदी महिलाएं हैं.
आंकड़े दर्शाते हैं कि जनवरी से मई के बीच 149 जेबकतरे गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें से 142 महिलाएं हैं. एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि महिला जेबकतरों के कई ऐसे समूह हैं जो मेट्रो पर यात्रा करते हैं. वे ट्रेन में एक स्टेशन से चढ़ती हैं और तीसरे अथवा चौथे स्टेशन पर उतर जातीं हैं. वे इसे तब तक दोहराती रहती हैं, जब तक कि वे किसी को अपना शिकार नहीं बना लेतीं.
अधिकारी ने कहा कि मेट्रो में यात्रा करने वाली महिला जेबकतरों की उम्र 18-40 साल के बीच होती है और कोई भी आसानी से यह नहीं जान सकता कि वे जेब काटती हैं. सीआईएसएफ के प्रवक्ता हेमेंद्र सिंह ने कहा कि उनके छापेमारी दल ने जनवरी से मई के बीच 32 बार अचानक जांच की और मेट्रो परिसर से 149 जेबकतरों को गिरफ्तार किया. सीआईएसएफ के आंकड़ों के मुताबिक, 2014 में 71 छापेमारी के दौरान 354 जेबकतरों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि 2013 में 466 जेबकतरे गिरफ्तार किए गए थे. (IANS)