नई दिल्ली : निर्भया गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तिहाड़ जेल सुपरिंटेंडेंट को निर्देश दिया है कि वो आरोपियों के वकील को उनसे मिलने दे. सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के आरोपियों को अपनी परिस्थतियों को बताने का एक मौका दिया.
इसके तहत आरोपी अपनी परिस्थतियों को लेकर अपना पक्ष कोर्ट के सामने रखेंगे. वे बताएंगे जैसे वो कहाँ रहते थे, क्या करते थे और उन्हें सजा क्यों नहीं दिया जाये. उसके बाद कोर्ट में दो हफ्ते के भीतर आरोपियों के वकील हलफनामा दाखिल करेगे. मामले की सुनवाई कल भी जारी रहेगी.
नहीं हुआ सीआरपीसी 235 का पालन
दरअसल, इस मामले में एमिकस क्यूरी राजू रामचंद्रन ने कोर्ट में कहा था कि इस मामले में सीआरपीसी 235 का पालन नहीं किया गया था. सीआरपीसी 235 के मुताबिक आरोपियों को सजा सुनाने से पहले अपनी परिस्थतियां बताने का मौका दिया जाता है.
बता दें कि निर्भया गैंगेरेप 16 दिसंबर 2012 को हुआ था. इसके बाद महिलाओं के खिलाफ हिंसा को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए थे. विरोध के बाद सरकार ने रेप की सजा में बदलाव किया था.