चंडीगढ : हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान कानून व्यवस्था की समस्या की से निपटने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी की है. हालात खराब होने पर सरकार ने डीसी को रासुका लगाने की पावर दे दी है.
बता दें कि पिछले जाट आंदोलने के दौरान बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और हिंसा की घटनाएं हुईं थी. सरकार इसबार सख्ती के मूड में है और किसी भी तरह की ढ़ील नहीं बरतना चाहती है . बड़ा फैसला करते हुए जिला उपायुक्त को रासुका लगाने का अधिकार दे दिया है.
सरकार ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने के संबंध में परिस्थिति के मुताबिक जिला उपायुक्त फैसला कर सकेंगे. जिले में कानून व्यवस्था कि कोई भी समस्या आए तो वे रासुका लगा सकते हैं. बता दें कि यह फैसला एहतियात के तौर लिया है.
रासुका लागू होने पर किसी भी व्यक्ति को बिना एफआईआर के गिरफ्तार किया जा सकता है. इसमें आरोपी को अदालत के सामने पेश करने की बाध्यता भी नहीं होती. डीसी शांति बनाए रखने के लिए आरोपी को नजरबंद तक कर सकते हैं. इसमें आरोपी को तीन महीने तक जमानत नहीं मिलती.