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मध्य प्रदेश: दलित महिला ने पकाया ‘मिड-डे मील’, बच्चों ने किया खाने से इंकार

भले ही आज हमारे देश को आजाद हुए 68 साल बीत गए है, लेकिन अभी भी की लोग ऐसे हैं जो जातीय भेदभाव में विश्वास रखते हैं. कुछ ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश के टीकागढ़ में सामने आया है. दरअसल, यहां एक बच्चों ने मिड-डे खाने से सिर्फ इसलिए मना कर दिया है इसे खाना बनाने वाली महिला दलित जाति से संबंध रखती है.

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  • January 29, 2017 8:15 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. भले ही आज हमारे देश को आजाद हुए 68 साल बीत गए है, लेकिन अभी भी की लोग ऐसे हैं जो जातीय भेदभाव में विश्वास रखते हैं. कुछ ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश के टीकागढ़ में सामने आया है. दरअसल, यहां एक बच्चों ने मिड-डे खाने से सिर्फ इसलिए मना कर दिया है इसे खाना बनाने वाली महिला दलित जाति से संबंध रखती है.
 
 
खबर के अनुसार टीकमगढ़ के इस स्कूल में बच्चों ने मिड डे मील खाने से इंकार कर दिया है. उनका कहना है कि यह खाना एक दलित महिला अपने घर पर बनाती है और वो नीची बिरादरी की महिला के हाथ का बना खाना नहीं खा सकते.
 
 
वहीं खाना बनाने वाली महिला के बेटे ने बताया कि सभी बच्चों में से सिर्फ बारह बच्चे ही मिड-डे का खाना खाते हैं. जो बच्चे ऊंची जाति के हैं वो कहते हैं कि हम तुम्हारा खाना नहीं खाएंगे क्योंकि तुम हमारी बिरादरी के नहीं हो.
 
स्कूल के प्रिंसीपल का कहना है कि खाना स्कूल किचन में बनना चाहिए जो कि फिलहाल किसी के घर की रसोई में पकाया जा रहा है, यही कारण है कि बच्चे इसे खाने में हिचकते हैं.

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