एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि चुनाव आयोग के फैसले के बाद अखिलेश यादव मुलायम सिंह यादव से मिले और उनका आशीर्वाद लिया. हालांकि, अभी ये स्पष्ट नहीं है कि दोनों खेमों का अगला कदम क्या होगा.
कैसे बढ़ा झगड़ा
बता दें कि समाजवाद पार्टी में
शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच शुरू हुई लड़ाई बढ़ते-बढ़ते मुलायम और अखिलेश की लड़ाई बन गई थी. चुनावों के लिए उम्मीदवारों की अलग-अलग सूची बनाने के बाद मुलायम सिंह ने अखिलेश और छोटे भाई रोमगोपाल यादव को पार्टी से बाहर निकाल दिया था.
हालांकि, जल्द ही अखिलेश का पार्टी से निलंबन रद्द कर दिया गया था. इसके बाद रामगोपाल यादव के बुलाए राष्ट्रीय अधिवेशन में मुलायम सिंह के पार्टी का मार्गदर्शक और अखिलेश को अध्यक्ष बनाया दिया गया. इसके बाद दोनों पक्ष चुनाव चिह्न और पार्टी के नाम पर दावे को लेकर चुनाव आयोग चले गए थे.
लालू ने दी अखिलेश को बधाई
इस मसले पर अखिलेश यादव का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि अखिलेश को समर्थकों से मिले भारी समर्थन के बाद ही आयोग ने यह फैसला लिया है. उन्होंने यह भी कहा कि मुलायम सिंह के खेमे ने आयोग के निर्देशों को पालन नहीं किया और इसका मतलब यह है कि उन्हें कोई समर्थन हासिल नहीं था.
वहीं, अखिलेश के पक्ष में फैसला आने के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने भी अखिलेश का समर्थन किया है. उन्होंने अखिलेश को बधाई देते हुए कहा, ‘हम नेताजी से अखिलेश को उनका आशीर्वाद देने के लिए अपील करेंगे, ये सिर्फ यूपी का नहीं बल्कि देश का चुनाव है.’
इसके अलावा चुनाव आयोग में लड़ाई जीतने पर अखिलेश खेमे में जबरदस्त खुशी का माहौल है. कानपुर में अखिलेश समर्थकों ने जमकर आतिशबाजी की और अखिलेश के पोस्टर के साथ नारेबाजी की.