रांची : शौचालय निर्माण की मुहिम के तहत गांव-देहात में लोग शौचलाय बनावकर सबके सामने नजीर पेश कर रहे हैं. ऐसे उदाहरण समय-समय पर सामने आते रहते हैं. इस बार का उदाहरण
झारखंड की राजधानी रांची से सटे जिले खूंटी से आया है.
खूंटी के गनालोया गांव में दो बहनों ने अपनी छात्रवृति के पैसों से घर में शौचालय बना लिया. सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने इस शौचालय के निर्माण का काम भी खुद ही किया. लेकिन, बच्चियों के इस अच्छे काम में उनके पिता ने बिल्कुल भी उनका साथ नहीं दिया.
सहेलियों के पूछने पर हुई शर्मिंदा
इस गांव की रहने वाली पुनिया कॉलेज में बीए की छात्रा है और उसकी छोटी बहन स्कूल जाती है. पुनिया से उसकी सहेलियों ने पूछा था कि क्या उसके घर में शौचालय है. उसके घर में शौचालय न होने के कारण पुनिया उस वक्त शर्मिंदा हो गई थी. इसके बाद पुनिया ने घर में शौचालय बनाने की ठान ली.
घर आकर पुनिया ने अपनी छोटी बहन को इस बारे में बताया और फिर दोनों इसकी तैयारी में जुट गईं. लेकिन, दिक्कत ये थी कि शौचालय बनाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थी और न ही पिता इस संबंध में कुछ करने को तैयार थे. ऐसे में पुनिया ने अपनी छात्रवृति के 5 हजार रुपये और छोटी बहन ने चार हजार रुपये मिलाकर शौचालय बना लिया.
गांव के लिए बनीं नजीर
इसमें कुछ और पैसों की जरूरत पड़ी तो, मां ने बचत के तीन हजार रुपये भी दे दिये. दोनों बहनों ने पड़ोस में बन रहे एक शौचालय को देखकर खुद ही राजमिस्त्री और मजदूर का काम कर लिया. हालांकि, उनके पिता ने इस काम में बच्चियों की जरा भी मदद नहीं की.
अब दोनों बहनों और उनकी मां को ये राहत है कि शौच के लिए न शाम का इंतजार करना होगा और न ही खुले में जाना होगा. वहीं, ये दोनों लड़कियां अपने गांव में सभी के लिए मिसाल बन गई हैं. पुनिया को इस उपलब्धि के लिए अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) फूल माला पहनाकर एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है. अब उसे शौचालय निर्माण अभियान का ब्रांड एंबेस्डर बनाने की भी तैयारी है.