नीतीश कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस मसले पर कहा कि कौन कहां बैठेगा यह फैसला तख्त हरमिंदर साहिब की समिति ने किया था. गुरुद्वारे में कोई कुर्सी पर नहीं बैठता, सब जमीन पर बैठते हैं.
बिहार के लोग कर रहे बदनाम
उन्होंने आगे कहा कि इस आयोजन से यह बात साफ हो गई है कि बिहार के ही कुछ लोग बिहार को बदनाम कर रहे हैं. इस मामले पर हुआ विवाद चंद लोगों का नजरिया दिखाता है. नीतीश ने ऐस लोगों को सुधरने की नसीहत भी दे डाली. नीतीश कुमार ने आयोजन की फंडिंग पर कहा कि सारा इंतजाम राज्य सरकार ने अपने सामर्थ्य से किया है. यह आयोजन अच्छी नीयत और मेहनत से करने के कारण ही सफल हो पाया है.
बता दें कि प्रकाश उत्सव के दौरान जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत नरेंद्र मोदी एकसाथ मंच पर बैठे थे वहीं, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को जमीन पर सभी के साथ बैठने की जगह दी गई थी. उनके साथ दोनों बेटे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव भी बैठे थे.
लालू यादव के नीचे बैठने से नाराज आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद ने सवाल उठाते हुए कहा था, ‘लालू यादव को नीचे क्यों बैठाया गया था. यह महागठबंधन है. क्या सबको मंच पर नहीं होना चाहिए था. ऐसा लगता है कि मानो कोई गठबंधन नहीं है. यह सिर्फ जेडीयू की ही सरकार है. हम लोग इससे बहुत दुखी हैं.