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हाईकोर्ट ने किया बाली उम्र को सलाम, प्रेमी-प्रेमिका के पक्ष में सुनाया बड़ा फैसला

मुंबई. मुंबई हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि अगर कोई नाबालिग लड़की किसी लड़के के साथ भाग जाती है तो इस मामले में अपहरण का मामला नहीं बनता है.

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  • January 9, 2017 6:28 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
मुंबई. मुंबई हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि अगर कोई नाबालिग लड़की किसी लड़के के साथ भाग जाती है तो यह अपहरण का मामला नहीं बनता है.
महानगर के रहने वाले सागर तांबे की ओर से दी गई एक याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि अगर कोई नाबालिग लड़की प्रेमी के साथ भाग जाने की समझ रखती है  तो फिर यह अपहरण का मामला कैसे हो सकता है.
दरअसल  सागर तांबे कुछ दिन पहले अपनी प्रेमिका के साथ शादी करने के लिए भाग गए थे. उनके खिलाफ लड़की के माता-पिता ने अपहरण का केस दर्ज करवा दिया.
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सागर ने याचिका में कोर्ट को जानकारी दी कि जब वह समाज के डर से भागे थे तो उनकी प्रेमिका की उम्र उस समय 17 साल 9 महीने थी. जब उसकी उम्र 18 साल हो गई तो उन्होंने उससे शादी कर ली.
वहीं अदालत के सामने तांबे की प्रेमिका ने  भी स्वीकारा कि वह अपनी मर्जी से तांबे के साथ भागी थी क्योंकि उसके माता-पिता उसकी शादी कहीं और कराना चाहते थे जबकि वह सागर तांबे के साथ जिंदगी बिताना चाहती है.
सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले मेें अपहरण का अपराध कहीं नहीं बनता है क्योंकि लड़की ने खुद ही माना है कि वह अपनी मर्जी से प्रेमी के साथ गई थी.
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आपको बता दें कि इससे पहले भी देश की कई अदालतों ने ऐसे मामले में प्रेमी-प्रेमिका के पक्ष में ही फैसला सुनाया है. एक जगह को अदालत ने लड़की की बात सुनने के बाद उसकी नाबालिग उम्र में की गई शादी पर भी  मुहर लगा दी थी. 

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