नई दिल्ली. लखनऊ की फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट के बाद पत्रकार जगेंद्र की मौत की मिस्ट्री उलझती जा रही है. फॉरेंसिक लैब ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बहुत संभव है कि जगेंद्र ने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर खुद ही आग लगा ली हो. इसके पहले जगेंद्र की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी उलझाने वाली रही […]
नई दिल्ली. लखनऊ की फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट के बाद पत्रकार जगेंद्र की मौत की मिस्ट्री उलझती जा रही है. फॉरेंसिक लैब ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बहुत संभव है कि जगेंद्र ने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर खुद ही आग लगा ली हो. इसके पहले जगेंद्र की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी उलझाने वाली रही है.
जगेंद्र की मौत की चश्मदीद गवाह महिला बार-बार अपने बयान बदलकर जगेंद्र की मौत को खुदकुशी साबित कर रही है. आज अभियान में इस पर चर्चा की गई कि आखिर जगेंद्र की मौत का सच क्या है ?
सवाल है कि सारी रिपोर्ट झूठी हैं, या मरने से पहले जगेंद्र का वो बयान..जिसमें उन्होंने आरोपियों के नाम लिए हैं? डाइंग डिक्लरेशन को कोर्ट भी बहुत अहम मानता है. ये और बात है कि ये डाइंग डिक्लरेशन किसी मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए या नहीं लेकिन जगेंद्र की मौत से पहले उसका ये बयान पूरा सच है.
लखनऊ की फोरेसिंक लैब ने रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
जगेंद्र का दाहिना हाथ सुरक्षित है और लेफ्ट हैंड जला है.अगर उसे किसी ने जलाया होता तो दोनों हिस्सों में आग लगी होती, जगेंद्र दाहिने हाथ से काम करता था, इसलिए संभव है कि उसने खुद को आग लगाकर जान दे दी हो.