नई दिल्ली. केजरीवाल सरकार ने हड़ताली डॉक्टरों की सभी 19 मांगें मान ली हैं, लेकिन डॉक्टर अभी तक काम पर नहीं लौटे हैं. दिल्ली सरकार ने कहा कि अगर डॉक्टर काम पर नहीं लौटे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं हड़ताली डॉक्टरों के कारण स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं. दो मरीजों की मौत होने की खबर है.
आपको बता दें कि केंद्र सरकार के सफदरजंग, राममनोहर लोहिया, लेडी हार्डिंग, सुचेता कृपलानी अस्पताल, कलावती सरन बाल चिकित्सालय और दिल्ली सरकार के जीबी पंत, जीटीबी, लाल बहादुर शास्त्री, संजय गांधी, डॉक्टर आंबेडकर, डॉक्टर हेडगेवार, सत्यवादी हरिश्चंद्र सहित करीब 42 अस्पतालों के सीनियर और जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल में शामिल हैं.
इससे पहले सोमवार को दिल्ली सरकार ने दिल्ली सचिवालय में करीब दो घंटे तक चली बैठक में हड़ताली डॉक्टरों की सभी 19 मांगें स्वीकार कर लीं. बैठक में करीब 25 रेजीडेंट डॉक्टर शरीक हुए. हालांकि, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने हड़ताल नहीं तोड़ी और दावा किया कि आखिरी फैसला तभी किया जाएगा जब सरकार बैठक का विवरण सार्वजनिक करेगी.
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