देहरादून. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ‘चारधाम महामार्ग विकास परियोजना’ की आधारशिला रखी. इस योजना का मकसद सभी धामों को एक रास्ते से जोड़ना है.
इस परियोजना से उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग की तस्वीर बदलेगी और इसके साथ ही हजारों सालों से चली आ रही चारधाम यात्रा के दौरान आने वाली परेशानियों से भी निजात मिल जाएगी.
इस परियोजना के ढांचे और खर्चे की बात करें तो नेशनल हाइवे के तहत शुरू होने वाली इस सड़क परियोजना की लंबाई 900 किमी होगी जिसको बनाने में 12,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने देहरादून आने से पहले ट्वीटर पर इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी भी दी.
उन्होंने लिखा कि आज देवभूमि उत्तराखंड जाउंगा. जहां चारधाम हाइवे प्रोजेक्ट आधारशिला रखी जाएगी. जिससे राज्य में कनेक्टिविटी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इस सड़कस परियोजना को बाईपास, सुरंगे और फ्लाइओवर बना कर पूरा जाएगा. जिसे चार धाम यात्रा आसान हो जाएगी. इसके साथ ही भूस्खलन से बचाव के लिए भी इंतजाम किए जाएंगे.
इस परियोजना के लिए 2 हजार करोड़ रुपए अब तक खर्च किए जा चुके हैं ताकि शुरु में आने वाली दिक्कतों को दूर किया जा सके. केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उम्मीद जताई है कि यह योजना 2018 तक पूरी हो जाएगी.
गौरतलब है कि 2013 में चारधाम यात्रा के दौरान आई आपदा के दौरान कई यात्रियों की मौत हो गई थी. उस समय इस तरह की परियोजना को शुरू करने की जरूरत समझी गई थी. लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से मोदी सरकार ने हिमालय क्षेत्र में पड़ने वाले नेशनल हाइवे को विकसित करने का फैसला कर लिया था.
इसके अलावा गंगोत्री और बदरीनाथ के रास्ते सामरिक दृ्ष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि चीन की सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए जरूरी सामान पहुंचाने का काम भी इन्हीं रास्तों से होता है.