देहरादून: उत्तराखंड सरकार के नमाज के लिए मुस्लिम कर्मचारियों को 90 मिनट ब्रेक के फैसले पर राजनीति शुरु हो गई है. रावत सरकार की इस फैसले पर तंज कसते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता नलिन कोहली ने कहा है कि हरीश रावत सरकार अगर मुस्लिम सरकारी कर्मचारी को 2 घंटे का ब्रेक देगी तो हिंदू कर्मचारियों को पूजा के लिए कितनी देर की छूट देगी.
नलिन कोहली के इस बयान से देहरादून से दिल्ली तक की राजनीति गरमा गई है. कोहली आगे कहते हैं कि आने वाले उत्तराखंड विधानसभा चुनाव जीतने के लिए उत्तराखंड सरकार किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है. बता दें कि हरीश रावत सरकार ने कुछ दिन पहले ही मुस्लिमों के लिए एक बड़ा ऐलान किया था. सरकार ने कहा था कि जुमे की नमाज के लिए मुस्लिम कर्मचारियों को 90 मिनट का ब्रेक दिया जाएगा. शनिवार को हुए अहम बैठक में हरीश रावत की मौजूदगी में कैबिनेट ने यह फैसला किया था. सरकार ने फैसले को तुरंत लागू करने की बात कही थी. इस फैसले के बाद मुस्लिम कर्मचारी हर शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए 90 मिनट का ब्रेक ले सकेंगे. इसके अलावा कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों को भी बड़ी सौगात देते हुए उन्हें नए साल से 7वें वेतन आयोग का लाभ देने का फैसला किया है. उत्तराखंड सरकार ने विधानसभा चुनावों से ठीक पहले मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. लेकिन दूसरी तरफ रावत सरकार के इस फैसले पर भारतीय जनता पार्टी सवाल उठा रही है.
हालांकि कांग्रेस रावत सरकार के साथ खड़ी है. कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय ने कहा कि ये अच्छा फैसला है, इसका स्वागत किया जाना चाहिए. जिनको लगता है यह चुनावी स्टंट है वे विरोध दर्ज करवाएं. हमें हर धर्म का सम्मान करना चाहिए. कांग्रेस अगर अच्छा करे तो उन्हें तकलीफ होती है, उनको आत्मचिंतन करने की जरूरत है.