नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग में नियमों का उल्लंघन करने के मामले के बाद अब आम आदमी पार्टी एक नए विवाद में फंस गई है. भ्रष्टाचार निरोधी शाखा (एसीबी) ने दिल्ली के उपमुख्यंमत्री मनीष सिसोदिया के निजी स्टाफ की नियुक्ति में नियमों के कथित उल्लंघन के मामले में जांच शुरू कर दी है.
आरटीआई कार्यकर्ता विवेक गर्ग की शिकायत पर यह जांच शुरू की गई है. सिसोदिया ने अपने कार्यालय में पिछले एक साल के दौरान 63 लोगों को चपरासी और अधिकारियों के तौर पर विशेष ड्यूटी पर नियुक्त किया है. उनके निजी स्टाफ की संख्या पीएम नरेंद्र मोदी के स्टाफ से भी ज्यादा है. पीएम के निजी स्टाफ में इस समय 39 लोग हैं.
एसीबी प्रमुख मुकेश कुमा मीणा ने कहा, ‘हमें इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी और हमे इसकी जांच करेंगे।’ दिल्ली सरकार के प्रवक्ता नागेंद्र शर्मा ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. एसीबी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के निजी स्टाफ की नियुक्तियों की जांच कर रहा है, जिनके नियुक्ति में नियमों के उल्लंघन का दावा किया गया है.
दानिक्स अफसरों से ज्यादा है बेसिक पे
आरटीआई कार्यकर्ता विवेक गर्ग ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘इन लोगों को दिल्ली सचिवालय में आकर्षक पद देने से पहले कोई विज्ञापन नहीं जारी किया गया और न ही कोई लिखित परीक्षा ली गई.’
विवेक गर्ग का कहना है कि इन आम आदमी पार्टी के वॉलेटियर्स का बेसिक पे इतना अधिक है जितना की दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीप के दानिक्स अधिकारियों का भी नहीं है। गर्ग ने इस संबंध में सीबीआई में शिकायत दर्ज की थी.