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आंध्र प्रदेश में कॉलेज के वॉशरूम में 300 लड़कियों का बनाया अश्लील वीडियो, प्रशासन हिल उठा

अमरावती : आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिसमें एक कॉलेज के वॉशरूम में 300 लड़कियों की बिना उनकी जानकारी के अश्लील वीडियो बना ली गई। यह घटना तब सामने आई जब एक छात्रा को इस पर शक हुआ। जैसे ही उसे हिडन कैमरा मिला, उसने तुरंत पुलिस […]

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आंध्र प्रदेश में कॉलेज के वॉशरूम में 300 लड़कियों का बनाया अश्लील वीडियो, प्रशासन हिल उठा
  • August 30, 2024 7:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

अमरावती : आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिसमें एक कॉलेज के वॉशरूम में 300 लड़कियों की बिना उनकी जानकारी के अश्लील वीडियो बना ली गई। यह घटना तब सामने आई जब एक छात्रा को इस पर शक हुआ। जैसे ही उसे हिडन कैमरा मिला, उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी। इस घटना ने न केवल कॉलेज प्रशासन बल्कि सभी को चौंका दिया। ऐसे में आइए जानते हैं कि भारतीय कानून के तहत इस अपराध की क्या सजा है।

क्या सजा का प्रावधान है?

इस तरह की गंभीर घटना के लिए भारतीय न्याय व्यवस्था में कई प्रावधान हैं जो अपराधियों को कड़ी सजा का प्रावधान करते हैं।

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354सी और 354डी – धारा 354सी उस स्थिति के लिए है जब कोई व्यक्ति बिना अनुमति के किसी की नग्नता या निजी अंगों की फोटो या वीडियो ले लेता है। इसमें अधिकतम 5 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। वहीं, धारा 354डी पीछा करने और अश्लील तरीके से संपर्क बनाने के लिए है। इस अपराध में भी जेल की सजा और जुर्माना हो सकता है।

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66ई और 67- धारा 66ई किसी व्यक्ति की अश्लील तस्वीरें या वीडियो साझा करने पर दंडनीय है। इसमें अधिकतम 3 साल की जेल और जुर्माना हो सकता है। धारा 67 अश्लील सामग्री के प्रकाशन और प्रसार से संबंधित है, जिसमें अधिकतम 5 साल की जेल और जुर्माना हो सकता है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 376- अगर वीडियो बनाने के साथ यौन उत्पीड़न या बलात्कार की स्थिति बनती है, तो धारा 376 के तहत आजीवन कारावास और कड़ी सजा हो सकती है।

कानूनी प्रक्रिया और पीड़ितों को सहायता

ऐसी घटनाओं में पुलिस को पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए तुरंत एफआईआर दर्ज करनी होती है और सबूत जुटाने होते हैं। पीड़ितों को कानूनी सहायता और मनोवैज्ञानिक सहायता भी प्रदान की जाती है। पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​ऐसी घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई करती हैं।

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