चंडीगढ़. नेस्ले इंडिया की मैगी में गड़बड़ी मिलने के बाद इसके प्रभावित स्टॉक को खत्म करने के लिए इसे सीमेंट फैक्टरियों में जलाया जा रहा है.
नेस्ले इंडिया के अनुसार प्रभावित मैगी की कीमत 320 करोड़ रुपए आंकते हुए इसके अधिकतर हिस्से का उपयोग सीमेंट फैक्ट्रियों में ईंधन के रूप में हो रहा है. कंपनी के भारतीय कारोबार के कार्यकारी उपाध्यक्ष लुका फिचेरा ने बताया, ‘5 जून को जब मैगी की वापसी का फैसला किया गया था, तब बाजार में 27,420 टन मैगी थी. ऐसे में इसकी बाजार से वापसी की प्रक्रिया बेहद जटिल है. मैगी वापस लेने के लिए 14 लाख से अधिक कार्टून का जरूरत पड़ेगी, जिसके लिए हजारों ट्रक और मजदूर भी चाहिए.’
नेस्ले इंडिया के अनुसार इस समय बाजार से 210 करोड़ रुपए मूल्य की मैगी वापस लेकर नष्ट की जा रही है. इसके अतिरिक्त 110 करोड़ रुपए का तैयार या संबंधित माल फैक्ट्री और वितरण केंद्रों में पड़ा हुआ है. कंपनी के वितरकों ने शनिवार तक 5,848 टन मैगी नूडल्स वापस ले लिए थे. इनमें से 5,635 टन नूडल्स वितरण केंद्रों पर पहुंच चुके थे, जहां से अबतक 169 टन जलाए जा चुके हैं. जलाने की प्रक्रिया 9 जून से जारी है.
अभी पांच भट्ठियों की 700 टन मैगी नूडल्स जलाने की क्षमता है और 27,420 टन मैगी को जलाने की प्रक्रिया कम से कम 40 दिनों तक चलेगी. बता दें कि देश के खाद्य सुरक्षा नियामक ने मैगी के कुछ नमूनों में सीमा से अधिक सीसा पाए जाने पर कंपनी को बाजार से इसके उत्पाद को हटाने का आदेश दिया था.
IANS
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