कल फरीदाबाद के दौलताबाद गांव में ग्रामीणों और पुलिस के बीच कल हिंसक झड़प हुई. यह झड़प तब हुई जब पुलिस सरकारी जमीन पर बनी डॉ भीमराव अंबेडकर की मुर्ति को ढहाने पहुंची. इस से भड़के गांव वालों ने पुलिस पर पत्थराव कर दिया.
फरीदाबाद. कल फरीदाबाद के दौलताबाद गांव में ग्रामीणों और पुलिस के बीच कल हिंसक झड़प हुई. यह झड़प तब हुई जब पुलिस सरकारी जमीन पर बनी डॉ भीमराव अंबेडकर की मुर्ति को ढहाने पहुंची. इस से भड़के गांव वालों ने पुलिस पर पथराव कर दिया.
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब देश बाबासाहब भीमराव अंबेडकर के नाम पर संविधान दिवस मनाया जा रहा था. एेसे में इस घटना पर सियासत तेज होने की भी सम्भावना है.
ग्रामीणों की मांग थी कि मुर्ति की जगह संविधान बनाने वाले बाबासाहब के नाम पर अंबेडकर भवन बनाया जाए. ज़मीन खाली कराने के लिए पुलिस ने जब बलप्रयोग किया तब ग्रामीणों ने भी पथराव कर दिया. पुलिस पर गांववालों ने छतों से ईंट पत्थर बरसाए. दोनो ही ओर से जमकर पत्थरबाजी हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए.
बता दें कि 3.84 एकड़ यह जमीन गांव दौलताबाद के सामने स्थित है. यह जमीन हुडा इंप्लायज वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन (हीवो) की बताई जाती है. दौलताबाद गांव में दलित ज्यादा हैं और जैसे ही वहां पहुंच कर पुलिस ने गांव वालों को हटाने की कोशिश की तो गांव वाले मानने को तैयार नहीं हुए. इसके बाद जब पुलिस ने जबर्रदस्ती की तो गांववाले भी उग्र हो गए.
गांववालों और पुलिस के बीच जमकर मारपीट हुई जिसमें कई लोग घायल हो गए. विवाद इतना बढ़ गया कि दोनो तरफ से लाठियां चलने लगीं. यहां तक कि भींड को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. पुलिस का कहना है कि ग्रामीण भीमराव अंबेडकर के नाम पर करोड़ो रुपए की जमीन हथियाना चाह रहे थे. वहीं दुसरी तरफ ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने अंबेडकर की मुर्ती को तोड़ना चाहा.
इस घटना में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. झड़प में 24 पुलिसकर्मी और 5 ग्रामीण घायल हुए हैं. बाद में गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस कार्रवाई के विरोध में अर्धनग्न होकर संसद की तरफ कूच भी किया. ग्रामीणों को कई बार इस बारे में पत्र लिखा गया था कि वे कब्जाई हुई जमीन को छोड़ दें लेकिन उन्होनें बात नहीं मानी.