नई दिल्ली: आपने ठक-ठक गैंग के बारे में तो सुना ही होगा. अगर नहीं सुना तो हम बताते हैं कि कि यह लुटेरों का एक ऐसा गैंग है जो रेड लाइट पर कार वालों को भ्रमित करके उनकी गाड़ी से सामान उठाकर भाग जाते हैं.
इसके अलावा ये ड्राईवर से कहते हैं कि उनका टायर पंक्चर है या पैसे गिर गए हैं और जैसे ही ड्राईवर गेट खोलता है या विंडो खोलता है ये लोग उसका सामना लेकर भाग जाते हैं.
हाल ही अमित गुप्ता नाम के शख्स ने एक वीडियो शूट किया जिसमें शायद इसी गैंग के कुछ लोग नजर आ रहे हैं. वीडियो में एक व्यक्ति जानबूझ कर गाड़ी के सामने आ जाता है फिर ड्राइवर से दरवाजा खोलने को कहता है और तभी वहां उसके साथी भी आ जाते हैं और जबरदस्ती कार का गेट खोलने के लिए कहते हैं. ड्राइवर दरवाजा नहीं खोलता है और ये देख सभी उल्टे पांव लौट जाते हैं.
कौन हैं ये लोग और कैस देतें हैं अंजाम
पहले ये लोग किसी बहाने से गाड़ी रोकते हैं फिर ये ड्राईवर से कहते हैं कि उनका टायर पंक्चर है या पैसे गिर गए हैं और जैसे ही ड्राइवर गेट खोलता है या विंडो खोलता है ये लोग उसका सामना लेकर भाग जाते हैं.
इसके अलावा ये लोग कार में या तो पीछे से बाइक की टक्कर मारी जाती है या एक मेंबर कार के आगे आकर चोट लगने का शोर मचाने लगता है. पीछे से टक्कर लगने पर कार सवार गुस्से में नीचे उतरता है और दूसरी ओर से गिरोह के मेंबर बैग लेकर फरार हो जाते हैं. जब तक कार सवार को बैग चोरी होने का एहसास होता है, तब तक बैग लेकर गिरोह के दूसरे मेंबर काफी दूर निकल चुके होते हैं.
यह गिरोह अपने नाबालिग बच्चों को बैग चुराने की ट्रेनिंग भी देतें हैं, जिस वजह से पुलिस उनके खिलाफ आईपीसी के तहत कार्रवाई नहीं कर पाती.
ऐसे रहें अलर्ट
यह गैंग रेड लाइटों पर सक्रिय रहते है. इन गिरोहों के सदस्य टारगेट तय करने के बाद रेड लाइट पर खड़ी कार के पास जाकर जोर-जोर से उसमें ठक-ठक करने लगते हैं. उनका मकसद इस तरह कार सवार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना होता है. कार सवार या तो गुस्से में नीचे उतरता है या ठक-ठक करने वालों को डांटने लगता है. इसी दौरान दूसरी ओर से बैग या कीमती सामान चुरा लिया जाता है.
यह गिरोह कई बार कार के पास नोट बिखेर कर कार सवार को उठाने के लिए कहते हैं. कार सवार नीचे उतर कर नोट उठाने लगता है और दूसरी ओर से बैग उठा लिया जाता है. ठक-ठक गिरोहों की वारदातें आईटीओ के अलावा देशबंधु गुप्त रोड, रंजीत नगर, करोल बाग समेत कई थाना इलाकों में हो चुकी हैं. उन्होंने बताया कि इन गिरोह के लोग ज्यादातर तमिलनाडु के के रहने वाले हैं.