अहमदाबाद. गुजरात के वस्त्रपुर इलाके में पंचामृत सोसायटी के बाहर सिर्फ 3 दिन की एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में पाई गई. इस बच्ची को एक लैपटॉप बैग के अंदर बंद कर फेंक दिया गया था. मासूम बच्ची जॉन्डिस से पीड़ित है. नवजात को सोला के सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया है जहां डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं.
बच्ची का पता तब चला जब एक नौकरानी पंचामृत सोसायटी के बाहर निकली. उसकी नजर सड़क पर पड़े लावारिस हालत में पड़े एक लैपटॉप बैग पर पड़ी. ये बैग बहुत मोटा दिख रहा था. नौकरानी ने जब बैग खोला तो उसके अंदर एक नवजात बच्ची छटपटा रही थी. उसने तुरंत वहां के लोगों की इसकी जानकारी दी. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई और इमरजेंसी सर्विस के अधिकारियों को बच्ची को सौंप दिया गया. बच्ची को सोला सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.
बच्ची किसी संपन्न घर की लग रही है
पुलिस के साथ ही आम लोगों भी इस बात से हैरान हैं कि बच्ची के पहनावे को देखकर लग रहा है जैसे वह एक संपन्न परिवार से है. इमरजेंसी सर्विस के अधिकारियों के पहुंचने से पहले सुरेखा शेठ ने बच्ची की देखभाल की. उन्होंने बताया कि, ‘बच्ची वन पीस ड्रेस में थी, सिर पर टोपी और ठंड से बचाने के लिए नारंगी रंग का स्वेटर भी बच्ची को पहनाया गया था. यही नहीं बच्ची ने डायपर भी पहन रखा था.
कुत्ते सूंघ रहे थे बैग
पुलिस ने बताया, ‘बच्ची सुबह 6.45 से 7 बजे के बीच मिली थी. नौकरानी की नजर बैग पर पड़ी और उसने देखा कि कुछ कुत्ते बैग के आस-पास घूम रहे हैं. नौकरानी को लगा कि उसने अंदर नोट भरे होंगे लेकिन जब बैग खोला तो अंदर एक नवजात बच्ची थी. सुरेखा ने तुरंत बच्ची को बैग से निकाला और गर्म दूध पिलाया.
सोला सिविल अस्पताल की डॉक्टर नेहा पटेल ने कहा, ‘बच्ची जॉन्डिस से पीड़ित है. बच्ची के पैरों पर स्याही का निशान भी हैं. इनसे पता चलता है कि बच्ची का जन्म 2-3 दिन पहले ही किसी अच्छे अस्पताल में हुआ होगा. बच्ची वजन 2.50 किलो है और वो स्वस्थ है. पुलिस इसमें अपहरण की आशंका जाहिर कर रही है.