मुंबई. देश में चल रही नोटबंदी की कवायद के बीच, बीएमसी चुनाव से ठीक पहले शिवसेना को मिला 85 करोड़ रुपये का चंदा सवालों के घेरे में है. चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार पिछले साल में पार्टी को कुल 86.84 करोड़ रुपये चंदे के तौर पर मिले जिसमें से 85 करोड़ रुपये का चंदा अकेले विडियोकॉन कंपनी ने दिया. वीडियोकॉन की शिवसेना पर इस बड़ी ‘मेहरबानी’ से पार्टी फंसती नजर आ रही है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार वीडियोकॉन कंपनी को नियंत्रित करने वाले राजकुमार धूत शिवसेना से राज्यसभा के सांसद हैं. पिछले वित्तीय वर्ष में वीडियोकॉन ने शिवसेना को एक छोटी रकम 2.83 करोड़ का चंदा दिया था, जो कि इस वर्ष पार्टी को वीडियोकॉन से मिले चंदे के मुकाबले बेहद कम है.
बता दें कि इनकम टैक्स की धारा 139 के तहत 27 सितंबर 2016 को शिवसेना के सचिव और राज्यसभा सांसद अनिल देसाई ने 2015-16 वित्तीय वर्ष के दौरान पार्टी को मिले चंदे का ब्यौरा दिया था. देसाई ने इसमें कॉर्पोरेट और नॉन कॉर्पोरेट चंदे की अलग-अलग जानकारी दी थी.
शिवसेना को फंड देने वालों में कुमार इंफ्रा प्रोजेक्ट, मॉडर्न रोड़ मेकर्स, सेरेनिटी ट्रेडर्स, यासिर अराफात इंफ्रास्टक्चर्स शामिल है. इसके अलावा शिवसेना के विधायक अजय चौधरी, जयप्रकाश मुंठाह, नीलम गोरे, वैभव नाइक, पूर्व विधायक दगडू सकपाल, विनोद घोसालकर आदि के भी चंदा देने वाली लिस्ट में हैं. 2015-2016 में इस बार शिवसेना को मिला फंड अन्य पार्टियों को मिले फंड की अपेक्षा बेहद ज्यादा है, इस वजह से ये सवालों के घेरे में है.