पटना. काफी मशक्कत के बाद किसी तरह 4500 रुपए बैंक से पाने के बाद अभिषेक भट्टाचार्य नाम के शख्स ने अपनी फेसबुक वाल में जो जानकारी दी है वह चौंकानी वाली है.
उन्होंने लिखा है कि दो हजार नोटों की एक ही सीरीज की नोटों में अंतर है कि यही नहीं समझा रहा है कि असली और नकली में अंतर में कैसे किया जाए आप तस्वीरों में खुद देख सकते हैं कि एक ही सीरीज की दो नोटों के रंग में कितना अंतर है.
अभिषेक बताया कि उनको ये नोट पटना की बैंक ऑफ़ बड़ौदा की मुख्य शाखा से दिए गए हैं. दोनों दोनों की छपाई और कलर में इतना ज्यादा अंतर है कि किसी को भी आसानी से समझ में आ जाए.
अभिषेक का कहना है कि अगर इन नोटों का अभी से ही ऐसा हाल है कि तो आने वाले समय में असली और नकली नोटों का फर्क समझना मुश्किल हो जाएगा.
उन्होंने आशंका जताई है कि नोटों का बैन करनी की वजहों में जाली नोट भी एक मुद्दा है लेकिन जिस तरह के नोट दिए जा रहे हैं उससे कोई भी आसानी से फायदा उठा सकता है.
उनका कहना है कि अभी तक आम जनता के पास ऐसी कोई व्यवस्था भी नहीं है कि इन नोटों के असली और नकली होने की पहचान की जा सके. कहीं ऐसा न हो कि सरकार की ओर से किए जा रहा डिमोनिटाईजेशन एक “जुमला” भर बनकर रह जाए.