नई दिल्ली. ‘वन रैंक, वन पेंशन’ पर पूर्व सैनिकों ने मोदी सरकार से आर-पार की लड़ाई के लिए कमर कस ली है. पूर्व सैनिक सरकार के खिलाफ रविवार को जंतर-मंतर पर अपनी मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करेंगे. पूर्व सैनिकों का सरकार पर आरोप है कि वादा करने के बावजूद ‘वन रैंक, वन पेंशन’ पर वादा पूरा नहीं किया है. पूर्व सैनिकों ने कहा कि अगर सरकार ने मांग नहीं की पूरी तो 15 जून से राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जाएगी. विरोध जताते हुए रिटायर्ड अधिकारी, जूनियर कमिश्नड ऑफिसर और सैनिकों से 40 संस्थाएं ‘खून से लिखा’ ज्ञापन मोदी सरकार को सौंपेंगे.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, पिछले हफ्ते 15 पूर्व सैनिक और ग्रुप रिटायर्ड कैप्टन वीके गांधी ने वन रैंक, वन पेंशन को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकल से मुलाकात की थी. पूर्व सैनिकों का विरोध प्रदर्शन सुबह 10 बजे से शाम 3.30 बजे तक किया जाएगा. वीके गांधी ने कहा कि सरकार ने उन्हें प्रदर्शन करने से रोकने के लिए कोई कोशिश नहीं की. याद रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि सरकार सैनिकों को ‘वन रैंक, वन पेंशन’ देने के लिए प्रतिबद्ध है.
क्या है वन रैंक, वन पेंशन का मतलब
वन रैंक, वन पेंशन का मतलब है कि सशस्त्र बलों से रिटायर होने वाले समान रैंक वाले अफसरों को समान पेंशन, भले वो कभी भी रिटायर हुए हों. यानी 1980 में रिटायर हुए कर्नल और आज रिटायर होने वाले कर्नल को एक जैसी पेंशन.
IANS से भी इनपुट
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