पटना. रणवीर सेना सुप्रीमो ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई अभी तक खाली हाथ है. 2012 में आरा में 66 साल के रणवीर सेना सुप्रीमो ब्रह्मेश्वर मुखिया का मर्डर हुआ था.
हत्या के चार साल बीत जाने के बाद भी हत्यारे की पहचान अस्पष्ट है. यहां तक की इस बीच जितने भी लोगों को हत्या में शामिल होने के आरोप में पकड़ा गया, वो कोर्ट से जमानत पर आसानी से छूटते गये. ऐसे में, सीबीआई ने हत्यारों का सुराग पाने के लिए नया दांव खेला है.
सीबीआई का अखबारों में विज्ञापन
सीबीआई ने बिहार के अखबारों में एक विज्ञापन दिया है. विज्ञापन में सीबीआई ने ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्या-कांड में आठ व्यक्तियों के विरुद्ध आरोप-पत्र दाखिल होने की सूचना दी है. इसी में आगे आरोपियों को पकड़वाने के लिए 10 लाख के ईनाम की भी घोषणा की है.
स्पष्ट है कि अब तक के जांच से सीबीआई खुद ही संतुष्ट नहीं है. सीबीआई की जारी अपील में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति को इस हत्याकांड से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी हो तो पटना में सीबीआई के विशेष अपराध शाखा को दें.
इस कांड के खुलासे के लिए पर्याप्त जानकारी देने वाले को सीबीआई 10 लाख रुपए का नगद ईनाम देगी. सूचना देने वाले का नाम और पता गुप्त रखा जाएगा. जानकारी देने के लिए टेलीफोन/फैक्स नंबर के अलावा मोबाइल नंबर 9470488533 भी जारी किए गए हैं.
नक्सलियों के जवाब में बनाया था रणवीर सेना
नक्सलियों को जवाब देने के उद्देश्य से ब्रह्मेश्वर मुखिया ने रणवीर सेना का गठन किया था. जिसके बाद दोनों ओर से खूनी खेल खेला गया. पुरुषों ही नहीं, बच्चे-महिलाएं भी इनकी निर्ममता का शिकार हुए और मौत के घाट उतारे गए.
रणवीर सेना और ब्रह्मेश्वर मुखिया को करीब बिहार में हुए करीब 30 नरसंहारों का मास्टरमाइंड माना जाता था. इनमें 279 के करीब लोगों की हत्याएं हुई थी. जून 2012 में बिहार के आरा में बरमेश्वर मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
इसके पहले साल 2002 में बिहार में हुए विभिन्न हत्याकांडों के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था. 2011 में जेल से बाहर निकलने के बाद वे नए किसान संगठन पर काम कर रहे थे.