लखनऊ. उत्तरप्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शाहजहांपुर में पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है. वहीं हत्या के आरोपी यूपी के राज्य मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा पर मुकदमा दर्ज हुए तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस मंत्री का अब तक कोई सुराग नहीं लगा पाई है.
दूसरी ओर, एक वकील ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में पीआईएल दाखिल कर इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. इस पीआईएल पर 15 जून को सुनवाई होगी.
आरोपी को बचा रही है अखिलेश सरकार ?
एसपी के महासचिव रामगोपाल यादव ने मंत्री वर्मा का बचाव लेकर कहा, ‘सरकार जांच कर तो रही है. बिना जांच किए हुए किसी आदमी को फंसाया नहीं जा सकता है. एफआईआर दर्ज करने का यह मतलब नहीं है कि कोई दोषी है.’
मरने से पहले पत्रकार के बयान का वीडियो वायरल
8 जून को बनाए गए इस वीडियो में मौत से पहले जगेंद्र मजिस्ट्रेट के सामने कहते हुए दिख रहे हैं, ‘उन्होंने मुझे क्यों जलाया? अगर मंत्री और उनके गुंडों को मुझसे कोई दुश्मनी थी तो वे केरोसिन डालकर जलाने के बजाए मुझे पीट भी सकते थे.’ मृतक गजेंद्र ने बताया कि इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय के साथ आई पुलिस टीम जबरन उनके घर में घुसी और उन्हें मारना शुरू कर दिया.
क्या है पूरा मामला
एक जून को एक मामले में दबिश के लिए पुलिस टीम जगेंद्र सिंह के घर पहुंची थी. पत्रकार के परिवार वालों का कहना है कि मंत्री के इशारे पर पुलिसवालों ने उन्हें जिंदा जला दिया. वहीं, पुलिस टीम का कहना था कि उन्हें देखकर पत्रकार ने खुद आग लगाकर सुसाइड कर लिया. पत्रकार की 8 जून को अस्पताल में मौत हो गई. आरोपी मंत्री वर्मा और 9 अन्य के खिलाफ मर्डर और संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. इनमें से चार पुलिसवाले हैं.
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