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नोटों पर बैन के चलते नहीं हो सका अंतिम संस्कार, घर में ही रखना पड़ा शव

मोदी सरकार के इस फैसले से मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक अलग तरह का मामला सामने आया है. 500-1000 के नोट बंद होने के कारण यहां एक महिला की अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है. उसके परिवारवालों के पास अंतिम संस्कार का सामान खरीदने तक के पैसे नहीं थे.

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  • November 9, 2016 6:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
भोपाल. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बड़ा ऐलान किया कि अब से 500 और 1000 के नोट मान्य नहीं रहेंगे. इन्हें 50 दिनों के भीतर यानी कि 30 दिसम्बर तक बैंकों में जमा कराना होगा. मोदी सरकार के इस ऐलान से कई लोग बहुत खुश हैं तो कई लोगों को इतनी ज्यादा प्रॉब्लम फेस करनी पड़ी है जिसकी कल्पना भी नहीं कर सकते.
 
 
मोदी सरकार के इस फैसले से मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक अलग तरह का मामला सामने आया है. 500-1000 के नोट बंद होने के कारण यहां एक महिला की अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है. उसके परिवारवालों के पास अंतिम संस्कार का सामान खरीदने तक के पैसे नहीं थे. 
 
दुकानदार ने 500-1000 रुपए का नोट लेने से मना कर दिया
 
अंतिम संस्कार का सामान खरीदने दुकान पर पहुंचे, तो दुकानदार ने  500-1000 रुपए का नोट लेने से मना कर दिया. मृतका की नातिन अनुराधा के मुताबिक, घर में 100 के महज 2-4 नोट ही थे, बाकी 500 और 1000 के. जब परिजन अंत्येष्टि का सामान लेने गए, तो दुकानदारों ने 1000 और 500 के नोटों को लेने से मना कर दिया.
 
पैसे की कमी वजह से लाश को घर में रखा गया, काफी समय बितने के बाद लिहाजा परिजनों को पूरे मोहल्ले से 100 और 50 के नोट मांगने पड़े. मृतका के बेटे कैलाश ने बताया कि, अंतिम संस्कार सुबह करनी थी, लेकिन अब लगता है कि शाम को ही यह संभव हो पाएगी.
 
बता दें कि मध्य प्रदेश के छतरपुर शहर के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के मातवान मोहल्ला में 70 वर्षीय महिला राजबाई पति मथुरा प्रसाद अहिरवार, निवासी मातवान मोहल्ला वार्ड नंबर 3 की मंगलवार देर रात बीमारी के चलते मौत हो गई. 
 

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