रायपुर : दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर नंदिनी सुंदर और जेनएयू की प्रोफेसर अर्चना प्रसाद पर छत्तीसगढ़ में एक आदिवासी की हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
ये मामला मृतक शामनाथ बघेल की पत्नी की ओर से कराया गया है. शामनाथ की हत्या बीते शुक्रवार को माओवादियों ने बस्तर में कर दी थी. वहीं इस मामले में नंदिनी सुंदर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वह महीनों से बस्तर नहीं गई हैं. जो आरोप लगाए गए हैं वह झूठे और बेतुके हैं.
वहीं बस्तर के पुलिस अधिकारी एसआरपी कुल्लूरी का कहना है कि इन दोनों प्रोफेसरों के ऊपर हत्या, साजिश और दंगा भड़काने का आरोप है. इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. कुल्लुरी ने साफ कहा कि हम भावनाओं के आधार पर नहीं तथ्यों के आधार पर इस केस में कार्रवाई करेंगे.
आपको बता दें कि शामनाथ बघेल की हत्या धारदार हथियारों से शुक्रवार को माओवादियों ने कर दी थी. शामनाथ बघेल नक्सल विरोधी अभियान चला रहे थे और इसको लेकर उन्होने तांगिया नाम का एक ग्रुप भी बनाया था.
पुलिस के मुताबिक बघेल की पत्नी ने बताया कि नंदिनी और उनकी सहयोगियों ने इलाके में एक मीटिंग थी जो कि काफी भड़काऊ थी. उस मीटिंग में धमकी दी थी कि अगर शामनाथ ने अपना रास्ता नहीं बदला तो उनको मार दिया जाएगा. पुलिस अधिकारी एसआरपी कुल्लुरी ने बताया कि बघेल की ओर से नंदिनी सुदंग के खिलाफ एक रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई थी. ‘नाम बदलकर गई थीं नंदिनी सुंदर’
पुलिस अधिकारी एसआरपी कुल्लुरी ने बताया कि जून में नंदिनी सुंदर शामनाथ बघेल के गांव गई थीं जहां उन्होंने अपना नाम ऋचा केशव बताया था. नंदिनी सुंदर का आरोप
प्रोफेसर नंदिनी सुंदर ने इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने जबरदस्ती बघेल की पत्नी से ऐसी शिकायत दर्ज करवाई है. उन्होंने एसआरपी कुल्लरी पर आरोप लगाया कि वह उनको पहले से ही निशाना बनाते रहे हैं.
कौन हैं नंदिनी सुंदर
नंदिनी सुंदर दिल्ली विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र की प्रोफेसर हैं. वह काफी समय से बस्तर सहित माओवाद प्रभावित इलाकों में काम कर रही हैं. उन्हीं की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सलवा जुडूम जैसे अभियान पर रोक लगा दी थी.