मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में जारी लापरवाही की श्रृंखला में ग्वालियर में दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है. यहां के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जेएएच के कचरे में दान की आंखें मिली हैं. इस मामले में संभागायुक्त केके खरे ने नेत्र विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर यूसी तिवारी सहित तीन को निलंबित कर दिया है.
ग्वालियर. मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में जारी लापरवाही की श्रृंखला में ग्वालियर में दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है. यहां के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जेएएच के कचरे में दान की आंखें मिली हैं. इस मामले में संभागायुक्त केके खरे ने नेत्र विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर यूसी तिवारी सहित तीन को निलंबित कर दिया है.
दान की गईं थीं आंखें
ग्वालियर निवासी किशन गंभीर ने अपनी मां के निधन के बाद उनकी आंखों का दान किया था, मगर गुरुवार को आंखें कचरे में होने का खुलासा होने से वे बेहद दुखी हैं. वहीं इस घटना को संभागायुक्त के. के. खरे ने गंभीरता से लेते हुए नेत्र विभाग के अध्यक्ष डा. तिवारी, प्रोफेसर डी. के. शाक्य और एक अन्य कर्मचारी नीति को निलंबित कर दिया है.
परिवार वापस मांग रहे हैं दान की गईं आंखें
किशन का कहना है कि जेएएच के इस रवैये से वह बेहद आहत हैं और अपनी मां का दोबारा श्राद्ध करने जा रहे हैं. उन्होंने तो अपनी मां की आंखें इसलिए दान की थी ताकि दूसरे का जीवन रोशन हो और मां की यादें जिंदा रहे मगर ऐसा हो न सका. दान की आंखें अस्पताल के कचरे में मिलने का खुलासा होने के बाद गुरुवार को उन परिवारों के लोगों का तांता लगा रहा जिन्होंने अपने प्रियजन की मरणोपरांत आंखें दान की है. कई तो ऐसे लोग थे जिन्होंने दान की गई आंखें तक वापस मांग डाली.
IANS