लखनऊ. यूपी में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. पिछले कई महीनों से न्याय की आस लगाए दर-दर की ठोकरें खा रही एक दुष्कर्म पीड़िता न्याय ना मिनने के कारण जब पानी की टंकी पर चढ़ गई तो महिला पुलिसकर्मियों ने उनका मजाक उड़ाना शुरु कर दिया. दुष्कर्म पीड़िता न्याय के लिए गुहार […]
लखनऊ. यूपी में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. पिछले कई महीनों से न्याय की आस लगाए दर-दर की ठोकरें खा रही एक दुष्कर्म पीड़िता न्याय ना मिनने के कारण जब पानी की टंकी पर चढ़ गई तो महिला पुलिसकर्मियों ने उनका मजाक उड़ाना शुरु कर दिया. दुष्कर्म पीड़िता न्याय के लिए गुहार लगा रही थी. मौके पर खड़ी एक महिला आरक्षी ने कहा, ‘देखो बसंती टंकी पर चढ़ी है’.
गर्भवती दुष्कर्म पीड़िता ने न्याय पाने के लिए शिकायती पत्र राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के निदेशक को भी दिया था. पीड़िता डीजीपी के पास भी पहुंची और अपना पूरा दर्द बयां किया. डीजीपी ने अपने पीआरओ को महरुआ थानाध्यक्ष से फोन कर रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश देने को कहा. पीआरओ ने पीड़िता को थाने पर दो दिन बाद जाने को कहा.
जब पीड़िता थाने पर पहुंची तो थानाध्यक्ष ने दिनभर उसे थाने पर बैठाए रखा. पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने सादे कागज पर हस्ताक्षर करा लिए और थानाध्यक्ष ने अपनी मर्जी से तहरीर बदल दी. कहा, “थाना मुझे चलाना है डीजीपी को नहीं.” पीड़िता पिछले साल जुलाई में दरिंदगी की शिकार हुई थी.
-IANS