नई दिल्ली. मध्यप्रदेश के भोपाल में सेंट्रल जेल से सिमी के 8 संदिग्ध आतंकवादी फरार हो गए. दिवाली के अगले दिन की सुबह इसी डरावनी खबर से शुरू हुई. दहशत की गूंज पूरे देश में सुनाई दी, लेकिन दोपहर होते-होते सिमी के संदिग्ध आतंकवादियों का खौफ खत्म हो गया. जितने सनसनीखेज़ अंदाज़ में सिमी के 8 अंडर ट्रायल आतंकी जेल से फरार हुए थे, उससे कहीं ज्यादा हैरतअंगेज़ ढंग से वो सभी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए.
दीपावली के पटाखों का शोर थमने से पहले ही ये धमाका पूरे देश में गूंजने लगा कि भोपाल सेंट्रल जेल से स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी के 8 आतंकवादी एक कांस्टेबल की हत्या करके फरार हो गए हैं. भोपाल सेंट्रल जेल से जो अंडर ट्रायल आतंकी फरार हुए थे, उनमें अबुल फैजल, जाकिर हुसैन, मेहबूब उर्फ गुड्डू, एजाजुद्दीन अमजद और असलम नाम के सिमी के वो 5 शातिर भी थे, जो अक्टूबर 2013 में मध्यप्रदेश की ही खंडवा जेल से फरार हुए थे.
इनमें से चार को इसी साल फरवरी में ओड़िशा के राउरकेला से पकड़ा गया और भोपाल जेल में बंद कर दिया गया. इनके फरार होने की खबर मिलते ही पूरे देश में अलर्ट जारी कर दिया गया. उधर भोपाल में कोहराम सा मचा था, जेल में सुरक्षा कर्मी की हत्या और आठ अंडर ट्रायल आतंकवादियों के फरार होने के बाद मध्य प्रदेश सरकार के होश उड़े हुए थे.
भोपाल पुलिस का हर विंग एक्शन में था और सरकार भी करीब आठ घंटे बाद एक और धमाकेदार खबर आई. भोपाल के आईजी योगेश चौधरी बता रहे थे कि आधी रात के बाद सेंट्रल जेल से फरार हुए सभी आठ आरोपी एनकाउंटर में मारे गए. ये सभी भोपाल से महज 15 किलोमीटर दूर भाग पाए थे.
भोपाल और पूरे देश पर मंडरा रहा एक बड़ा खतरा टल गया, लेकिन आतंक फैलाने के आरोपियों का जेल से यूं फरार हो जाना और फिर कुछ घंटों में एनकाउंटर में मारा जाना सवालों में घिरा है. सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर मध्यप्रदेश की सबसे हाइटेक जेल से इतने खतरनाक कैदी इतनी आसानी से कैसे फरार हो गए?
इन सब के बीच कई सवाल उठ रहे हैं कि आधी रात को जब आठ कैदियों ने बंदी रक्षक का गला रेता, तब जेल के बाकी सुरक्षा कर्मी कहां थे? चौबीसों घंटे सीसीटीवी कैमरों से निगरानी करने वालों की नज़र से ये बात कैसे छिपी रह गई कि जेल से 8 कैदी चादरों की रस्सी बनाकर दीवार फांद रहे हैं?