नई दिल्ली. सरकार ने चीनी सेक्टर को बड़ी राहत दी है. सीसीईए की बैठक में चीनी इंडस्ट्री को ब्याज मुक्त कर्ज देने का फैसला किया गया है. सरकार की ओर से चीनी इंडस्ट्री के लिए 6000 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी गई है. सरकार ने गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान करने के लिए 6000 करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त कर्ज देने का फैसला किया है.
हालांकि सरकार के फैसले का फायदा सिर्फ उन्हीं चीनी कंपनियों को मिलेगा जिन्होंने 50 फीसदी से ज्यादा के बकाए का भुगतान किया है. और, चीनी कंपनियो के लिए ब्याज मुक्त कर्ज की योजना सिर्फ 1 साल तक लागू रहेगी. भारतीय चीनी मिल संघ के डायरेक्टर जनरल, अविनाश वर्मा का कहना है कि किसानों का 19000 करोड़ रुपये का बकाया है, और हमने सरकार से ब्याज मुक्त कर्ज की मांग नहीं की थी. ऐसे में सरकार के इस कदम से चीनी मिलों को बहुत ज्यादा फायदा नहीं होगा. इंडस्ट्री की सरकार से चीनी का बफर स्टॉक बनाने की मांग है.
वहीं शक्ति शुगर्स के एक्जिक्यूटिव वाइस चेयरमैन, एम मणिकम का कहना है कि सरकार के फैसले से ज्यादा फायदा नहीं होगा. जब तक चीनी के दाम नहीं बढ़ते हैं तब तक चीनी मिलों के लिए दिक्कत बनी रहेगी. साथ ही जब तक चीनी के दाम नहीं बढ़ते तब तक बैकों को भुगतान कर पाना मुश्किल है.
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