पुणे. तीन तलाक के खिलाफ जंग लड़ रही एक 18 साल की मुस्लिम लड़की ने अब प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी से सामान नागरिक संहिता को लागू करने की अपील की है ताकि मुस्लिम महिलाओं को सदियों से बरबाद करती आ रही परंपराओं को खत्म किया जा सके.
टाइम्स आॅफ इंडिया की खबर के मुताबिक महाराष्ट्र में बारामति की रहने वाली अर्शिया नाम की इस लड़की की शादी 16 साल की उम्र में ही सब्जियों का व्यापार करने वाले मोहम्मद काज़िम बागवान से कर दी गई थी. लेकिन, महज दो साल बाद मोहम्मद ने एक कागज पर तीन बार तलाक लिखकर शादी तोड़ दी.
मोहम्मद अर्शिया के साथ रहने के लिए तैयार नहीं है. इस कारण अर्शिया को अपने आठ माह के बच्चे के साथ घर छोड़ना पड़ा. अब अर्शिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह उनकी जैसी दूसरी लड़कियों की मदद करें और कई महिलाओं की जिंदगी बर्बाद करने वाली इस परंपरा को खत्म करें.
पढ़ाई कराने के वादे से मुकरा पति
अर्शिया ने बताया कि उसे अपने पति से तीन तलाक का नोटिस मिला है लेकिन उसने इसे स्वीकार नहीं किया है. वह फैमिली कोर्ट में इसे चुनौती देगी. अर्शिया ने शादी से पहले 11वीं क्लास तक की पढ़ाई की है. वह अब अपनी पढ़ाई भी जारी रखना चाहती है. उसने यह भी बताया कि ससुराल वालों ने शादी के बाद भी पढ़ाई कराने का वादा किया था लेकिन बाद में उन्होंने इनकार कर दिया.
अर्शिया के पिता ने भी सरकार से समान नागरिक संहिता लाने के लिए गुहार लगाई है. उन्होंने कहा, ‘मेरी बेटी जैसे हालत किसी के न हों. मैं एक गरीब सब्जी बेचने वाला हूं और मैंने अपनी बेटी की शादी करके और उसे पढ़ाई पूरी न करने देकर बहुत बड़ी गलती की है.’