बिजनौर. उत्तर प्रदेश में बिजनौर जिले केा खुल में शौच से मुक्त करने के लिए जिला प्रशासन ने एक नई पहल की है. इस पहल के तहत प्रशासन ऐसे पतियों को सम्मानित करेगा जोकरवाचौथ के दिन शपथ लेने के बाद घर में शौचालय बनवा लेेते हैं.
प्रशासन ने ऐसे घरों की सूची बना ली है, जिनमें टॉयलेट नहीं है. उन घरों के पतियों से करवाचौथ पर शपथ लेने के लिए पूछा गया है. शपथ लेने वाले जो पति करवाचौथ के बाद 15 दिनों के अंदर घर में शौचालय बना लेते हैं, उन्हें साल के सर्वश्रेष्ठ पति के तौर पर सम्मानित किया जाएगा.
शौचालय न होने से बढ़ता है अपराध
मुख्य विकास अधिकारी के अनुसार यह कार्यक्रम स्वच्छ भारत ग्रामीण अभियान के तहत जिले को स्वच्छ बनाने के लिए की गई है. लोगों को इसे लेकर जागरुक किया जा रहा है. ‘पति नंबर 1’ कार्यक्रम 500 गांवों की पंचायतों में आयोजित किया जा सकता है. इस दिन 3000 पत्र साइन किया जाएंगे. जो पति शर्त को पूरा कर लेते हैं, उन्हें ‘पति नंबर वन’ का इनाम दिया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं के साथ अपराध होने का बड़ा कारण घरों में शौचालय न होना है. उन्हें शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है, जिसके असामाजिक तत्व फायदा उठाने की कोशिश करते हैं.
अधिकारियों के मुताबिक जिले के 50 फीसदी घरों में टॉयलेट नहीं हैं. हालांकि, लोगों को इस बारे में जागरुक किया जा रहा है और गरीबों को इसके लिए मदद भी दी जा रही है. अभी 1128 गांवों में से 350 गांव खुले में शौच की समस्या से पूर्णता मुक्त हैं.