नई दिल्ली. महंगाई पर लगाने के प्रयास सरकार ने शुरु कर दिए हैं. इसके लिए सरकार ने माप पद्धति नियमों (मेट्रोलॉजी रूल्स) में बदलाव किया है. इससे असाधारण परिस्थितियों में वह दलहन और चीनी जैसे आवश्यक जिंसों का खुदरा दाम तय कर सकेगी. बता दें कि मौजूदा व्यवस्था में खुदरा कीमतें मांग और आपूर्ति के आधार पर तय होती है. ऐसे में सरकार के पास कीमतों में अचानक हुई वृद्धि पर रोक के लिए अधिक गुंजाइश नहीं बचती.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार हमने पहले ही वैध माप पद्धति (पैकेट बंद जिंस) नियमों, 2011 में संशोधनों को अधिसूचित कर दिया है. इसमें आवश्यक जिंस का खुदरा मूल्य तय करने का प्रावधान शामिल किया गया है. यह नियम उन आवश्यक जिंसों पर लागू होगा जिन्हें खुला तथा पैकेट बंद दोनों में खुदरा बाजारों में बेचा जाता है. फिलहाल अभी तक थोक कारोबारियों तथा आयातकों पर नियंत्रण के उपाय थे, रिटेलरों पर नहीं. इस प्रावधान से सरकार को उपभोक्ताओं के हितों में अग्रसारी कदम उठाने में मदद मिलेगी.
अभी केंद्र सरकार दालों की कीमतों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है, जो जून 2016 के दौरान खुदरा बाजार में 200 रु. किलो तक पहुंच गई थी. इसकी वजह सूखा पड़ने की वजह से देश में दलहन का उत्पादन कम होना है. दालों की कीमतों में अप्रत्याशित तेजी की वजह से एनडीए सरकार को कई कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा है. इन कदमों में दलहन का आयात और न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करना शामिल है.