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रावण वध के समय इकट्ठा होती हैं निगेटिव एनर्जी, वापस लौटकर जरूर करें इस पेड़ की पूजा

नई दिल्ली. हमारे देश में त्योहारों का अलग ही महत्व है. हर त्योहार की एक खासियत होती है. जिससे हमे कोई न कोई संदेश मिलता है. भारतीय संस्कृति में दशहरे पर हमेशा रावण दहन के बाद शमी के पेड़ की पूजा होती है.
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दशहरा अश्विन महीने के नवरात्र के नौ दिन बाद  मनाया जाता है. इस दिन भगवान राम ने रावण का वध करके असत्य पर सत्य की जीत प्राप्त की थी. इस दिन रावण जलाने के बाद शमी के पेड़ की पूजा की जाती है. कारण जानते हैं ऐसा क्यों किया जाता है.
1- इस दिन रावण जलाने के बाद शमी के पेड़ की पूजा की जाती है. साहित्य में अग्नि को ‘शमी गर्भ’ के नाम से भी प्रसिद्ध है.
2- हिंदू धर्म में दशहरे के दिन शमी वृक्ष की पूजा हमेशा से होती रही है. खासकर क्षत्रियों में इस पूजन का ज्यादा महत्व है. महाभारत के युद्ध में पांडवों ने इसी वृक्ष पर अपने हथियार छुपाए थे और बाद में उन्हें कौरवों से जीत प्राप्त हुई थी.
3- हिंदू धर्म में बरगद, पीपल, तुलसी जैसे कई पवित्र वृक्षों को इसलिए भी पूजनीय माना जाता है. गुजरात के कच्छ जिले के भुज शहर में करीबन साढ़े चार सौ साल पुराना एक शमीवृक्ष है.
4- शमी के कांटों का प्रयोग तंत्र-मंत्र बाधा और नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए होता है. शमी के पंचांग, यानी फूल, पत्ते, जड़ें, टहनियां और रस का इस्तेमाल कर शनि संबंधी दोषों से जल्द मुक्ति पाई जा सकती है.
5- विद्वानों का मानना है कि रावण के साथ कई निगेटिव एनर्जी, भूत-प्रेत, लंकिनी, शंखिनी, पिशाच, भी आते हैं. रावण का दहन के बाद ये सब इधर-उधर भागते हैं. इनसे बचने के लिए शमी के पेड़ की पूजा की जाती है. माना जाता है जब अकाल पड़ता है तो शमी का पेड़ पहले ही संकेत दे देता है.
6- गुजरात राज्य इसे बहुत माना जाता है. वहां पर कई किसान अपने खेतों में शमी का पेड़ लगाते हैं. जिसे उन्हें कई सारे लाभ मिले हैं. यह एक कांटेदार पेड़ है. इस पेड़ के पत्ते सूख जाने के बाद उसमें छोटे-छोटे पीले फूल होते हैं. उसकी जड़ जमीन में बहुत गहराई तक जाती है जिससे खेतों में हुई उपज सूखती नहीं है.
7- गर्मियों के दिनों में अच्छे से फूलता है और उसमें बहुत सारे पत्ते आते हैं. खेत की मेढ़ पर इन पत्तों को लगाने से फसल पर पड़ने वाले हवा को कम करने में मदद करता है. जिस वजह से उपज को तूफान से होने वाले नुकसान नहीं होते.
8- इस पेड़ की लकड़ियों से आज भी कई गांवों के घरों में चूल्हे में जलाते हैं. यह पेड़ कई जीव के लिए चारे का काम भी करता है.
9- विदेश के कृषि एक्सपर्ट का यह भी मानना है कि जिस खेत में शमी का पेड़ लगाया जाता है उस खेत के किसानों को बहुत फायदा होता हैं.
10- शमी के पेड़ पर देवताओं का वास होता है. सभी यज्ञों में शमी की पेड़ की लकड़ियां इस्तेमाल करने से यह शुभ माना जाता है.
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