नागपुर. आस्था और पूजा पाठ के नाम पर भारत में हमेशा से लोगों के बीच अंधविश्वास कायम रहा है. एक अंधविश्वास की ऐसी ही घटना सामने आई है, बीते दिन सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एक 18 साल के युवक की 18 सेमी लंबी पूंछ निकालने के लिए ऑपरेशन किया गया. डॉक्टर इसे अब तक इंसानों में सबसे लंबी पूंछ होने का दावा कर रहे हैं.
लोग इतने सालों तक पूंछ के कारण इस व्यक्ति को भगवान का अवतार समझकर पूजते रहे और मरीज इसके कारण दर्द से कराहता रहा. जब दर्द हद से ज्यादा बढ़ने लगा तो डॉक्टरों के पास पहुंचकर इसे निकलवाने का निर्णय लिया गया. मामला नरखेड़ स्थित अंबाडा देशमुख गांव के विवेक कुमार (परिवर्तित नाम) का है. वह वर्तमान में नागपुर के झिंगाबाई टॉकली क्षेत्र में अपने परिवार के साथ रहता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक जन्म के साथ ही इस बच्चे को पूंछ थी और जब यह बात आस-पास के क्षेत्र में फैल गई. तब वहां के लोग भगवान का अवतार समझकर हर दिन उसे देखने के लिए आने लगे.
इसके बाद परिवारवाले नागपुर आकर रहने लगे नागपुर में भी लोगों के आने का सिलसिला करीब 2 साल चलता रहा आस्था से जुड़े लोगों ने परिवार को समझाया कि यह भगवान का ही एक रुप है, इसलिए इसे निकलवाने चिकित्सक के पास न जाएं और ऑपरेशन न करवाएं. बच्चा बड़ा होता गया और उसकी समस्या बढ़ती गई. उसे उठने-बैठने में तकलीफ होने लगी. खासतौर से वह सीधा सो नहीं पा रहा था. उसे इसके कारण दर्द होने लगा.
परिजन उसे लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे. सोमवार को न्यूरोसर्जन डॉ.प्रमोद गिरी, डॉ.दिविक मित्तल, डॉ.विवेक अग्रवाल, एनेस्थेटिक डॉ.लूलू वली ने सफल ऑपरेशन कर पूंछ निकाल दी. अब युवक पूरी तरह स्वस्थ्य है और आराम महसूस कर रहा है.
जन्म से ही बच्चे के पीछे 4 सेंटीमीटर की पूंछ थी
बच्चे का जब जन्म हुआ, तब से उसके पीछे करीब 4 सेंटीमीटर की पतली सी पूंछ थी, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ वह बढ़ने लगी और 12 वर्ष की उम्र के बाद उसे सीधे सोने में दर्द होने लगा.
न्यूरो सर्जन डॉ.प्रमोद गिरि के मुताबिक, मेडिकल वर्ल्ड लिटरेचर केस रिपोर्ट के अनुसार, अब तक ऐसे 8-10 ही मामले सामने आए हैं, लेकिन उनकी लंबाई 10 से 12 सेंटीमीटर रही होगी. जबकि इस मरीज की पूंछ 18 सेंटीमीटर थी. इसे मेडिकल भाषा में कंजेनाइटल न्यूरो डेवलपमेंटल मालफार्मेशन कहते हैं, जो जन्म से होता है.