शीला की बढ़ेंगी मुश्किलें, एसीबी खोलेगी घोटाले की फाइल !

नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएनजी फिटनेस घोटाले की फाइल एक बार फिर खोलने का निर्णय लिया है.  दिल्ली सरकार का एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) सीएनजी फिटनेस घोटाले की जांच करने जा रहा है. 2002 में तत्कालीन सीएम शीला दीक्षित के कार्यकाल में हुए दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव डीएम सपोलिया और पी के त्रिपाठी भी घेरे में हैं. ये दोनों अफसर शीला के करीबी माने जाते हैं. 

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शीला की बढ़ेंगी मुश्किलें, एसीबी खोलेगी घोटाले की फाइल !

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  • June 6, 2015 9:08 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएनजी फिटनेस घोटाले की फाइल एक बार फिर खोलने का निर्णय लिया है.  दिल्ली सरकार का एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) सीएनजी फिटनेस घोटाले की जांच करने जा रहा है. 2002 में तत्कालीन सीएम शीला दीक्षित के कार्यकाल में हुए दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव डीएम सपोलिया और पी के त्रिपाठी भी घेरे में हैं. ये दोनों अफसर शीला के करीबी माने जाते हैं. 

एसीबी ने दर्ज की थी एफआईआर

इस मामले की जांच पहले भी एसीबी कर चुकी है. साल 2012 में एसीबी ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज की थी. एसीबी ने जांच के दौरान पाया कि फिटनेस टेस्ट के लिए कंपनी को ठेका देने में गड़बड़ी की गई है. ठेका ईएसपी यूएसए नामक कंपनी को दिया जाना चाहिए था, लेकिन ईएसपी इंडिया को दिया गया. एसीबी ने इस मामले में कुछ सरकारी अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया था तथा कुछ वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों से पूछताछ करने व उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की इजाजत मांगी थी. 

जस्टिस मुकुल मुदगल ने भी की थी घोटाले की जांच

हालांकि इस दौरान उपराज्यपाल नजीब जंग ने पहले तो मामला खारिज करने का आदेश जारी कर दिया, लेकिन एसीबी ने इसका जवाब देते हुए उपराज्यपाल को फैसले पर पुनर्विचार करने की गुजारिश की थी. जिसके बाद उपराज्यपाल ने 10 अक्टूबर 2013 को जस्टिस मुकुल मुदगल (रिटायर्ड चीफ जस्टिस पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट) व रिटायर्ड आईएएस रमेशचंद्र की दो सदस्यीय कमेटी का गठन करते हुए इस मामले में जांच करने के लिए निर्देश दिया था. 

जांच कमेटी ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट पिछले साल जुलाई में उपराज्यपाल नजीब जंग को सौंपी थी, जिसमें एसीबी की जांच को कुछ हद तक सही साबित करते हुए माना है कि इस काम का टेंडर गलत कंपनी को दे दिया गया. काम ईएसपी यूएसए को दिया जाना चाहिए था, लेकिन ईएसपी इंडिया को दे दिया गया.

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