नई दिल्ली. कश्मीर में अलगाववादियों के नए पैंतरों ने अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है. खुफिया एजेंसियों को अंदेशा है कि इस बार अमरनाथ यात्रा में उपद्रव फैलाने की गंभीर कोशिश की जाएगी. सुरक्षा एजेंसियों को मिले इनपुट के मुताबिक इन दिनों अलगाववादियों के गुटों में खुद को बड़े जनाधार वाला साबित करने की होड़ लगी है. इस कोशिश में बेस कैंप से यात्रा रूट तक यात्रियों के जत्थों पर पत्थरबाजी की आशंका है.
आतंकी भी यात्रा में खलल डाल सकते हैं. अलगाववादियों के सभी गुट यात्रा अवधि में कटौती चाहते हैं. लेकिन श्राइन बोर्ड और राज्य सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया है. गृह मंत्रालय संयुक्त सचिव के नेतृत्व में समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय टीम जम्मू और श्रीनगर भेजने वाला है. नार्दन कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा ने अमर उजाला को बताया कि सेना ने सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए हैं. यात्रा में खलल की आशंका के मद्देनजर सेना की अतिरिक्त कंपनियां तैनात की जा रही है. रोड ओपनिंग पार्टी की भी अतिरिक्त कंपनियां तैनात होंगी. सीआरपीएफ के डीजी प्रकाश मिश्रा और जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक के राजेंद्रा ने भी केंद्रीय गृह मंत्रालय से अतिरिक्त कंपनियों की मांग की थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे मंजूर कर लिया है.
गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा 2 जुलाई से शुरू होने वाली है. श्री अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के सीईओ पी के त्रिपाठी ने लंगर कमेटियों के साथ बैठकें की हैं. पिछले साल लंगर के टेंटों पर हमले हुए थे. उसके बाद स्थिति बिगड़ी और आगजनी की घटना भी हुई थी. लिहाजा इस बार लंगर कमेटियों की सुरक्षा के लिए भी अलग से इंतजाम किए गए हैं.
IANS से भी इनपुट
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